“विकसित भारत संकल्प यात्रा” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन-केंद्रित कार्य संस्कृति को सिद्ध करती हैं: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 01नवंबर। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “विकसित भारत संकल्प यात्रा” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन-केंद्रित कार्य संस्कृति को सिद्ध करती है। उन्होंने कहा कि भारत में एक नई कार्य संस्कृति शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गरीब समर्थक और लोक कल्याण योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया था ताकि जाति, पंथ, धर्म या वोट की परवाह किए बिना सबसे जरूरतमंद या अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जा सके।

ग्राम मुनिरका में “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईईसी वैन “मोदी गारंटी वैन” हैं, जहां पिछले 9-10 वर्षों में शुरू की गई 17-18 प्रमुख योजनाओं को समाज के कमजोर और हाशिए पर मौजूद वर्गों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए शत- प्रतिशत अंतिम छोर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने शिविर में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत भी की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अतीत में जहां भी न्याय से इनकार किया गया था, वहां न्याय देने के लिए पूरी तरह से वस्तुनिष्ठ मापदंडों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि यह पिछली विपक्षी सरकारों द्वारा अपनाई गई परिपाटी से बिल्कुल अलग है, जिसमें वोट बैंक की राजनीति राज्य के लाभों को चुनिंदा तरीके से लागू करने की मंशा रखती थी।

मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी के लिए न्याय के सिद्धांत के आधार पर सार्वजनिक वितरण के मानकों को वोट के विचार से ऊपर उठाया और फिर जनता पर फैसला करने के लिए छोड़ दिया कि वे किसे वोट देना चाहते हैं। जनता ने भी इस दृष्टिकोण का समर्थन किया। डॉ. सिंह कहा कि इसके मद्देनजर पिछले चुनाव की तुलना में कहीं अधिक जनादेश के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए मोदी सरकार ने वापसी की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि साढ़े नौ साल की छोटी अवधि के दौरान केंद्र कई योजनाओं को शत-प्रतिशत अंतिम छोर के करीब लाने में सक्षम रहा है और “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” के सिद्धांत का पालन करके पात्र लोगों को लाभ दिया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के साढ़े नौ साल के कार्यकाल ने देश में ‘युवा शक्ति’ और ‘नारी शक्ति’ की आकांक्षाओं, उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्रमुखता देते हुए एक नई सुबह और दिशा तय की है।

मुनिरका शिविर में तमाम गतिविधियां चलाई गईं, जिनमें विभिन्न जन भागीदारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों द्वारा अनुभव साझा करना, प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत, आयुष्मान कार्ड, जल जीवन मिशन, जन धन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, ऑन द स्पॉट क्विज़ प्रतियोगिताएं, ड्रोन प्रदर्शन, स्वास्थ्य शिविर, मेरा युवा भारत स्वयंसेवक नामांकन ओडीएफ प्लस जैसी योजनाओं को शत-प्रतिशत अं‍तिम छोर तक पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायतों की भूमिका का उल्लेख शामिल था।

विकसित भारत अभियान, अब तक की सबसे बड़ी आउटरीच पहलों में से एक है, जिसका लक्ष्य अंततः 25 जनवरी 2024 तक देश के हर जिले को छूते हुए 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 3,600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करना है।

26 नवंबर 2023 तक, 995 ग्राम पंचायतों में 5,470 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें कुल 7,82,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है।

पूरे अभियान की योजना और कार्यान्वयन राज्य सरकारों, जिला अधिकारियों, शहरी स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी के साथ ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के साथ किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि आईईसी वैन को हिंदी और राज्य भाषाओं में ऑडियो विजुअल, ब्रोशर, पैम्फलेट, बुकलेट और फ्लैगशिप स्टैंडीज़ के माध्यम से राष्ट्रीय, राज्य और जिले की प्रमुख योजनाओं, हाइलाइट्स और उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।

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