समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 22अगस्त। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 20 अगस्त को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मून मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार (22 अगस्त) को जारी कीं. इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं.
इससे पहले आज दोपहर ISRO ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर किया है. पोस्ट में कहा गया कि चंद्रयान-3 अपने तय समय पर ही चांद पर लैंड करेगा. बता दें ISRO ने सोमवार (21 अगस्त) की शाम कहा था कि चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की तारीख जो पहले 23 अगस्त तय की गई थी उसे आगे बढ़ाया जा सकता है यानी चंद्रयान-3 चांद की सतह पर 27 अगस्त को लैंड करेगा लेकिन अब इसरो ने इस बात को साफ कर दिया है कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार 23 अगस्त को ही शाम 6:04 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लैंडिंग का प्रोसेस बुधवार, 23 अगस्त को शाम 5:45 बजे चार कई चरणों में शुरू होगा. इसमें रफ ब्रेकिंग फेज, एल्टीट्यूड होल्ड फेज, फाइन ब्रेकिंग फेज औक टर्मिनल डिसेंट फेज शामिल है. चंद्रयान-3 की लैंडिंग का यह 15 मिनट रोमांच से भरपूर होगा. इस दौरान लैंडर को उच्च गति वाली क्षैतिज स्थिति से एक लंबवत स्थिति में स्थानांतरित करना होगा.
मालूम हो 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ और आसमान को चीरता हुआ चांद की ओर निकल पड़ा. लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कवायद से पहले इसे छह, नौ, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, जिससे ये चंद्रमा की सतह के नजदीक आ सके. इसके बाद 17 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल अलग हो गया. अब एक बार फिर चंद्रयान को लेकर पूरे देश और दुनिया की नजरें इस पर टिकी हुई है.
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