लद्दाख में हिंसा: भाजपा कार्यालय में आगजनी, सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कड़ी निंदा की

समग्र समाचार सेवा
लेह, 25 सितंबर: लद्दाख में बुधवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और भाजपा कार्यालय में आगजनी की घटना ने केंद्र और स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि लद्दाख में जो हुआ, उसकी जांच चल रही है और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खंडेलवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “केंद्र सरकार ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है और तत्काल सभी आवश्यक कदम उठा रही है। लद्दाख में जो हुआ, उसकी जांच चल रही है और किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा।”

उपराज्यपाल की चेतावनी

इससे पहले लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने पिछले दो दिनों में लेह में भड़की हिंसा की निंदा की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उपराज्यपाल ने कहा, “लोकतांत्रिक विरोध और संवाद लोगों का अधिकार है, लेकिन आगजनी, पथराव और सार्वजनिक व निजी संपत्ति पर हमले कभी भी उचित नहीं ठहराए जा सकते।” उन्होंने आगे कहा, “हम जानते हैं कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। यहां तक कि भूख हड़ताल भी लोकतांत्रिक परंपराओं का हिस्सा है। लेकिन पिछले एक-दो दिनों में हमने देखा कि लोगों को भड़काया जा रहा है, नेपाल और बांग्लादेश के आंदोलन के उदाहरण दिए जा रहे हैं और निजी कार्यालयों व घरों में आग लगाने की कोशिश की गई। यह लद्दाख की परंपरा नहीं है।”

सोनम वांगचुक और अनशन

लद्दाख में छठवीं अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक ने अनशन शुरू किया था। यह शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक विवाद में बदल गया, जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने भाजपा कार्यालय और लेह के मुख्य कार्यकारी पार्षद कार्यालय पर हमला कर दिया और आगजनी की।

सरकार का आरोप है कि वांगचुक ने अपने अनशन के दौरान ‘अरब स्प्रिंग’ और ‘नेपाल की जेनजी’ जैसे उदाहरण देकर प्रदर्शनकारियों को भड़काया। इनकी वजह से विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप लेने लगा और कई लोग घायल भी हुए।

स्थिति और प्रशासन की कार्रवाई

लेह जिले में कर्फ्यू लागू किया गया और स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए ITBP, CRPF और स्थानीय पुलिस तैनात की गई। प्रशासन ने हिंसा और आगजनी में शामिल लोगों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है।

उपराज्यपाल ने नागरिकों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने का अधिकार सभी को है, लेकिन कानून और व्यवस्था का उल्लंघन कभी भी सहन नहीं किया जाएगा।

इस हिंसा ने लद्दाख में बढ़ती असंतोष की गंभीरता को उजागर किया है और राज्यhood की मांग पर चल रहे आंदोलनों की संवेदनशीलता को दिखाया है।

 

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