समग्र समाचार सेवा
लाहौर, 11 अक्टूबर: पाकिस्तान के लाहौर शहर में शुक्रवार को तब हिंसा भड़क उठी, जब पुलिस ने तेहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों को इस्लामाबाद की ओर मार्च करने से रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी अमेरिकी दूतावास के बाहर फिलिस्तीन समर्थन रैली निकालने की योजना बना रहे थे।
अधिकारियों के मुताबिक, इस झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि टीएलपी का दावा है कि उसके दो समर्थकों की मौत और 50 से अधिक कार्यकर्ता घायल हुए हैं। हालांकि, पंजाब प्रांतीय सरकार, जिसकी मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ हैं, ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
लाहौर की सड़कों पर तनाव और अराजकता
हिंसा के बाद लाहौर के कई इलाकों में दैनिक जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और कई प्रमुख मार्ग बंद कर दिए गए हैं। मुल्तान रोड, जो शहर की प्रमुख सड़क है, युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गई, जहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाज़ी और लाठियों से हमला किया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को tear gas से बचते हुए भागते और पुलिस पर पथराव करते देखा गया। कुछ वीडियो में टीएलपी कार्यकर्ता आंसू गैस के खाली शेल और गोलियों के खोखे दिखाते नजर आए।
स्कूल-कॉलेज बंद, इंटरनेट सेवा निलंबित
हिंसा और अव्यवस्था के कारण लाहौर प्रशासन ने सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को शुक्रवार के लिए बंद करने का आदेश दिया। 1.4 करोड़ से अधिक आबादी वाले इस शहर में लोगों को घर लौटने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं, ताकि प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों को सीमित किया जा सके।
इस्लामाबाद प्रशासन ने फैजाबाद इंटरचेंज पर कंटेनर लगाकर रास्ते बंद करने शुरू कर दिए हैं, जो पहले भी कई बार टीएलपी के धरनों का केंद्र रह चुका है।
“शहादत हमारी तकदीर है” — साद रिज़वी
शुक्रवार की नमाज के बाद लाहौर में हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए टीएलपी प्रमुख साद रिज़वी ने कहा —
“हम अब लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च करेंगे। गिरफ्तारी कोई मसला नहीं, गोलियां कोई मसला नहीं, शेल्स कोई मसला नहीं — शहादत हमारी तकदीर है।”
उन्होंने कहा कि यह रैली फिलिस्तीन के समर्थन में है और अमेरिका द्वारा किए गए “दोहरी नीति” के खिलाफ जनता की आवाज़ उठाने का मकसद रखती है।
अमेरिकी दूतावास ने जारी किया अलर्ट
इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने रैली से पहले एक सुरक्षा चेतावनी (Security Alert) जारी की है। दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और बड़ी भीड़ वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।
यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब हमास और इज़राइल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में एक युद्धविराम समझौते को स्वीकार किया है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रदर्शन पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता और धार्मिक संगठनों के बढ़ते प्रभाव का संकेत है। टीएलपी का यह मार्च न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है, बल्कि देश की विदेश नीति और राजनीतिक स्थिरता पर भी असर डाल सकता है।
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