समग्र समाचार सेवा
पटना, 17 अगस्त: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासत और गरमाती जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में विशेष गहन परीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की घोषणा के बाद कांग्रेस और राजद ने “वोट चोरी” का मुद्दा उठाते हुए सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव आज से संयुक्त यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।
वोट चोरी का मुद्दा बना सियासी हथियार
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर कर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा,
“बिहार की जनता को सतर्क रहना होगा। चुनाव आयोग की मतदाता सूची में जिस तरह गड़बड़ियां की जा रही हैं, वह साफ तौर पर लोकतंत्र पर हमला है।”
तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा,
“अगर मतदाता सूची सही नहीं होगी तो निष्पक्ष चुनाव संभव ही नहीं है। भाजपा जनता के जनादेश से डरती है और अब ‘वोट चोरी’ की साजिश कर रही है।”
आज से यात्रा का आगाज
दोनों नेता पटना के गांधी मैदान से अपनी यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। इस दौरान वे बिहार के अलग-अलग जिलों में रैलियां करेंगे और जनता से संवाद स्थापित करेंगे। यात्रा का मुख्य एजेंडा “वोट की रक्षा, लोकतंत्र की रक्षा” रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा लगभग 20 दिनों तक चलेगी और इसमें विपक्ष चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाएगा।
भाजपा का पलटवार
भाजपा नेताओं ने राहुल और तेजस्वी की इस यात्रा को “राजनीतिक नौटंकी” बताया है। बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा,
“राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव हारने के डर से पहले ही बहाने ढूंढ रहे हैं। चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है और उसके खिलाफ इस तरह के आरोप केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश हैं।”
चुनाव आयोग की सफाई
इस बीच चुनाव आयोग ने साफ किया कि SIR यानी विशेष गहन परीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें मृत मतदाताओं, डुप्लीकेट नाम और अन्य विसंगतियों को हटाने का काम होता है। आयोग ने कहा कि इसमें किसी तरह की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की संभावना नहीं है और सभी राजनीतिक दलों को इसमें सहयोग करना चाहिए।
बिहार में बढ़ता चुनावी तापमान
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं।
- विपक्ष इसे लोकतंत्र की रक्षा का आंदोलन बता रहा है।
- वहीं, भाजपा इसे हार का बहाना करार दे रही है।
सियासत में ‘वोट चोरी’ का मुद्दा अब केंद्र में आ गया है और आने वाले दिनों में यह चुनावी नैरेटिव को और प्रभावित कर सकता है।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा से साफ है कि विपक्ष मतदाता सूची और वोट चोरी के मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की रणनीति बना रहा है। वहीं, भाजपा इसे केवल चुनावी स्टंट करार दे रही है। चुनाव आयोग की सफाई के बावजूद यह विवाद बिहार की राजनीति को और गर्माएगा और आने वाले विधानसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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