समग्र समाचार सेवा
नवादा, 19 अगस्त: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों बिहार में अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर निकले हुए हैं। मंगलवार को इस यात्रा का तीसरा दिन है और राहुल गांधी आज नवादा जिले में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे लोगों से वोटों की सुरक्षा और लोकतंत्र को बचाने का आह्वान करेंगे।
राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत रविवार को तेजस्वी यादव और ‘इंडिया’ गठबंधन के कई अन्य नेताओं की मौजूदगी में की थी। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर केंद्र और बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो कथित ‘वोट चोरी’ में शामिल चुनाव आयुक्तों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वोटों की रक्षा का दावा
राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान कहा, “यह यात्रा बिहार की जनता को यह संदेश देने के लिए है कि उनके वोटों की रक्षा की जाएगी। वोट चोरी करने वाले गद्दारों को सत्ता से हटाया जाएगा। हम जनता के साथ मिलकर यह जंग जीतेंगे।”
इस यात्रा में राहुल गांधी 16 दिनों में लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और करीब 20 जिलों से गुजरेंगे।
नवादा जिले का राजनीतिक महत्व
बिहार के दक्षिणी हिस्से में स्थित नवादा जिला मगध डिविजन का हिस्सा है। यह जिला गया, शेखपुरा और जमुई से जुड़ा है, जबकि इसकी सीमाएं झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिलों से मिलती हैं। मगध डिविजन में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं।
2020 विधानसभा चुनाव में इनमें से 20 सीटें महागठबंधन ने जीती थीं, जबकि एनडीए सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गया था।
नवादा की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर महागठबंधन ने जीत हासिल की थी। इनमें राजौली, हिसुआ, नवादा और गोबिंदपुर सीटें शामिल हैं। केवल वरसालीगंज सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अरुणा देवी ने जीत दर्ज की थी। आरजेडी को इन 4 सीटों में से 3 पर सफलता मिली थी।
नवादा और कांग्रेस का पुराना नाता
नवादा जिला कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। यहां का इतिहास बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्री बाबू) से जुड़ा है, जो नवादा जिले के खानवा गांव में पैदा हुए थे। स्वतंत्रता सेनानी श्रीकृष्ण सिंह को ‘बिहार केसरी’ के नाम से भी जाना जाता है।
आज राहुल गांधी उनकी याद में बरबीघा के श्रीकृष्ण सिंह चौक पर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे।
भूमिहार, दलित और मुस्लिम वोट बैंक पर नजर
नवादा जिला राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है। यहां दलित और मुस्लिम वोटों के साथ-साथ भूमिहार बिरादरी का भी खासा प्रभाव है। राहुल गांधी एक ओर जहां दलित और मुस्लिम समुदाय को साधने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भूमिहार वोटर्स को भी जोड़ने की रणनीति बना रहे हैं।
पिछले चुनाव में कांग्रेस को इस जिले से केवल 1 सीट मिली थी, जबकि आरजेडी के खाते में 4 सीटें गई थीं। इस बार महागठबंधन की कोशिश पिछले प्रदर्शन को दोहराने और मगध डिविजन में क्लीन स्वीप करने की है।
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का तीसरा दिन नवादा की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। यह यात्रा न केवल चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस के आक्रामक रुख को दिखाती है, बल्कि बिहार की जमीनी राजनीति में महागठबंधन को मजबूती देने का प्रयास भी है।
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