समग्र समाचार सेवा
आंध्र प्रदेश ,3 नवम्बर। वक्फ संशोधन बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने बड़ा बयान दिया है। टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने बिल के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इसे नाकामयाब कराने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत की बदकिस्मती है कि पिछले 10-12 सालों में देश में ऐसी घटनाएं हुईं जो नहीं होनी चाहिए थीं।
नवाब जान ने बताया कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर हैं और सभी धर्मों को एक समान दृष्टि से देखते हैं। उनके अनुसार, नायडू का मानना है कि हर धर्म के बोर्ड में उसी धर्म के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। टीडीपी उपाध्यक्ष ने कहा, “हम इस वक्फ संशोधन बिल को आने नहीं देंगे,” और घोषणा की कि 15 दिसंबर को आंध्र प्रदेश में जमीयत के जलसे में चंद्रबाबू नायडू भी शिरकत करेंगे। टीडीपी के इस बयान से देश की सियासी माहौल गरमा सकता है, खासकर जब बीजेपी की सहयोगी पार्टी ही इस बिल का विरोध कर रही है।
उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। AIMPLB ने कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के लिए गंभीर खतरा है और इसमें बदलाव की कोशिशें मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों को प्रभावित कर सकती हैं। बोर्ड ने इसे इबादत के हक में दखलंदाजी करार दिया है और कहा कि वक्फ, नमाज और रोजा की तरह ही धार्मिक महत्व रखता है।
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल 2024 को लोकसभा में पेश किया था, जिसका कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया। इसके बाद सरकार ने इस बिल की समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया, जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल हैं।
जेपीसी को अब तक 90 लाख से भी अधिक सुझाव ईमेल के माध्यम से प्राप्त हो चुके हैं, और सैकड़ों सुझाव लिखित तौर पर भी मिले हैं। समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत करेगी। इसके पहले समिति असम, ओडिशा, कोलकाता, पटना और लखनऊ का दौरा करेगी, ताकि वक्फ संशोधन बिल पर आम जनता और संबंधित हितधारकों के सुझावों को सुना जा सके।
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