जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,20 मई । भारतीय राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया जब कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई पर एक ऐसा आरोप लगा दिया, जिसने देश की सुरक्षा और इतिहास दोनों को हिला कर रख दिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया है कि जनसंघ और जनता पार्टी की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई ने RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के गुप्त एजेंट्स की जानकारी पाकिस्तान को सौंप दी थी, जो “राष्ट्रद्रोह के बराबर” है।
प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मोरारजी देसाई ने देश की सबसे अहम खुफिया एजेंसी RAW के एजेंट्स की जानकारी पाकिस्तान को दी। यह सिर्फ एक भूल नहीं थी, यह एक ऐतिहासिक पाप था, जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा नुकसान पहुंचाया।”
यह बयान आते ही सियासी गलियारों में तूफान मच गया है। कांग्रेस ने सीधे-सीधे सवाल उठाया है कि क्या राष्ट्रहित से ऊपर उस समय की सरकार की राजनीतिक जिद थी?
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस यह दावा उस समय की खुफिया फाइलों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के लेखों के आधार पर कर रही है, जिसमें कहा गया था कि मोरारजी देसाई ने पाकिस्तानी जनरल जिया-उल-हक से बातचीत के दौरान भारत की खुफिया रणनीतियों को लेकर सूचनाएं साझा की थीं। यहां तक कि कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया कि RAW के पाकिस्तानी नेटवर्क को इस लीक के बाद बड़ा नुकसान हुआ था।
कांग्रेस के इस सनसनीखेज बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह “ओछी राजनीति और इतिहास के साथ खिलवाड़” है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री को गद्दार ठहराना कांग्रेस की हताशा को दिखाता है।”
यह विवाद केवल मोरारजी देसाई तक सीमित नहीं रह गया है। अब जनता पार्टी के शासनकाल, उसकी नीतियों और खुफिया एजेंसियों के साथ उसके रिश्तों पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्या उस दौर में राष्ट्रहित से ऊपर राजनीतिक बदले लिए गए?
जहां एक ओर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, वहीं RAW की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। क्या यह चुप्पी एक रणनीतिक मौन है या किसी बड़े सच की परछाई?
मोरारजी देसाई जैसे वरिष्ठ नेता पर देशद्रोह जैसे आरोप लगना भारतीय राजनीति के लिए बेहद गंभीर मोड़ है। यदि कांग्रेस का यह दावा सच्चाई पर आधारित है, तो यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा खुफिया संकट साबित हो सकता है। और यदि यह राजनीति से प्रेरित हमला है, तो यह सच्चे राष्ट्रवाद की गरिमा पर प्रश्नचिह्न है।
Comments are closed.