शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनाया हिन्दू धर्म, डासना देवी मंदिर में हुआ धर्म परिवर्तन कार्यक्रम

समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 6दिसंबर। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म ग्रहण किया है, जिसके बाद आज से उनका नया नाम अब जितेंद्र नारायण त्यागी हो गया है. गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आयोजित समारोह में उनका धर्म परिवर्तन किया गया. इस दौरान उनका शुद्धिकरण किया गया, उसके बाद उनका नया नामकरण किया गया. विवादों में रहने वाले वसीम रिजवी के के धर्म परिवर्तन को लेकर मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए गए. उन्होंने इससे कुछ दिन पहले मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की थी. डासना मंदिर के पीठाधीश्वर यति चेतनानंद सरस्वती ने यह जानकारी दी।

पीठाधीश्वर यति चेतनानंद सरस्वती ने बताया कि वसीम रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे और उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के पश्चात शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए और इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था और उस दिन उन्होंने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना भी की थी।

यति चेतनानंद सरस्वती ने बताया कि आज वसीम रिजवी का डासना देवी मंदिर में धर्म परिवर्तन किया गया. इसके बाद वे अब इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू हो गए हैं. मंदिर में सबसे पहले तो उनका शुद्धिकरण किया गया और फिर हवन-यज्ञ भी किया गया. उसके बाद वसीम रिजवी का नया नामकरण भी किया गया है. मंदिर में ये सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए हैं।
वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं और वे साल-2000 में लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से समाजवादी पार्टी के नगरसेवक चुने गए थे. फिर उसके बाद साल 2008 में वे शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में चेयरमैन बनाए गए थे. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था।

बता दें कि वसीम रिजवी ने पिछले दिनों ही एक पुस्तक ‘मोहम्मद’ तैयार की है. उनकी इस पुस्तक पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रिजवी ने इस किताब के जरिये पैगंबर की शान में गुस्ताखी की है. इसके बाद रिजवी ने बयान जारी करके कहा कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है. उन्होंने मृत्यु उपरांत अपने अंगदान की भी घोषणा की थी, जिसे लेकर उनकी चर्चा हो रही है।

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