हमें अपने वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व करना चाहिए- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11अप्रैल। प्रत्येक नागरिक को दिन का एक घंटा अपने स्वयं के स्वास्थ्य को समर्पित करना चाहिए, क्योंकि राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने की दृष्टि से स्वस्थ लोग बेहद अहम हैं। यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज अपने देश में दो शताब्दी पुरानी समृद्ध इतिहास वाली होम्योपैथी को प्रोत्साहित किया जा रहा है और यह हाल के वर्षों में हमारे स्वास्थ्य तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। उन्होंने कहा, “होम्योपैथी प्रकृति से जुड़ी हुई है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी व सबसे तेजी से विकसित होने वाली चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता दी है।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस तथ्य पर जोर दिया कि एक व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक कल्याण के साथ-साथ एक समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक वातावरण को समाहित करने की दृष्टि से स्वास्थ्य संबंधी देखभाल का दायरा चिकित्सीय उपचार से परे जाता है। उन्होंने आज के समाज में अक्सर प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव के प्रसार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमें दबाव और तनाव को दूर करने की एक संस्कृति विकसित करनी चाहिए।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि कोई भी विदेशी गणमान्य व्यक्ति या विदेशी नागरिक भारत की अपनी यात्रा के दौरान कभी भी अपने देश की निंदा या आलोचना नहीं करता है। उन्होंने कहा, “हमें अपने वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व करना चाहिए, अपनी प्रतिभा पर भरोसा करना चाहिए और अन्य देशों का दौरा करते समय अपने देश को राजनीतिक पंथ से ऊपर रखना चाहिए।”

इस एक-दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन विश्व होम्योपैथी दिवस के उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय के तहत केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन का विषय “होमियो परिवार – सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार” था।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में केन्द्रीय आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केन्द्रीय आयुष तथा महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई, सांसद डॉ. मनोज राजोरिया, आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा शामिल थे।

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