पश्चिम बंगाल: इस बार दुर्गा पंडाल में मां दुर्गा नही बल्कि ममता बनर्जी की लगेगी मूर्ति, शस्त्र की बजाय होंगी स्कीमें

समग्र समाचार सेवा

कोलकाता, 4सितंबर। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बागुईहाटी क्षेत्र के नजरूल पार्क उन्‍नयन समिति के दुर्गा पंडाल को लेकर तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। जी हां मामला ही कुछ ऐसा है। जानकारी के मुताबिक इस बार दुर्गा पंडाल में दुर्गा मां की नही ब्लकि ममता बनर्जी की मुर्ति लगेगी। नज़रूल पार्क उन्नयन समिति ने देवी दुर्गा के साथ ही पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की एक मूर्ति लगाने का फैसला किया है।
इस खबर के सामने आने के साथ ही अब बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर हो गई है। ममता की मूर्ति को लेकर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से भीषण हिंसा हुई है उसमें ममता बनर्जी के हाथों में निर्दोष बंगालियों का खून है। यह देवी दुर्गा का अपमान है। ममता बनर्जी को खुद आगे आकर इसे रोकना चाहिए। वह हिंदुओं की संवेदनाओं को आहत कर रही हैं।
जानकारी के मुताबिक मशहूर मूर्तिकार मिंटू पाल दुर्गा की फायबर ग्लास की मूर्ति बना रहे हैं। इसे उन्होंने सीएम ममता बनर्जी जैसी ही साड़ी का कलर दिया है और पैरों में उनके जैसे ही चप्पल पहनाए हैं। मिंटू पाल ने कहा कि मैंने इसे बनाने के लिए सीएम ममता बनर्जी की कई तस्वीरों और वीडियोज को देखा है। जिसके बाद मैंने देवी की यह प्रतिमा बनाई है।
इस मूर्ति में ममता बनर्जी को दुर्गा देवी के तौर पर दिखाया गया है और उनके 10 हाथ दिखाए जाएंगे। इन हाथों में दुर्गा देवी की तरह शस्त्र नहीं बल्कि कन्याश्री, स्वास्थ्य साथी, रूपाश्री जैसी स्कीमें होंगी। दुर्गापूजा के आयोजकों का कहना है कि वे इस मूर्ति के जरिए बताना चाहते हैं कि ममता बनर्जी ने लोगों के कल्याण के लिए कितनी स्कीमें शुरू की हैं। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है और बीजेपी ने इसे उनका अहंकार बताया है। नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को मात देने वाले शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इससे पता चलता है कि उनका अहंकार कितना हो गया है।
नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘जब कोई केवल आपको खुश करने के लिए आपको भगवान के समान बताने की कोशिश करता है और आपकी चुप्पी सहमति का इशारा करती है तो इसका मतलब है कि आपका अहंकार ऐसे स्तर तक पहुंच गया है, जहां विवेक इसकी जवाबदेही नहीं ठहरा सकता।

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