समग्र समाचार सेवा
पटना, 22जुलाई। कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश में बहुत त्राही मची लेकिन तीसरी लहर में ऐसी स्थिति ना हो उसके लिए तमाम प्रयास किए जा रहे है। इसी के मद्देनजर पटना हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना महामारी के मामले में सुनवाई की। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को यह बताने को कहा कि कोरोना महामारी के संभावित तीसरे लहर को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। शिवानी कौशिक व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को यह बताने को कहा कि राज्य में टीकाकरण की क्या स्थिति है? साथ ही अभी प्रदेश में कोरोना के कितने संक्रमित मरीज हैं? इन सभी मुद्दों पर प्रदेश सरकार को अगली सुनवाई में पूरा ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, बिहटा में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, सिक्योरिटी गार्ड आदि के रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था।
हाईकोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को भी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। हालांकि गुरुवार को हलफनामा दायर नहीं हो पाने पर मामले की सुनवाई 26 जुलाई को तय की गई है।
अनुबंध पर बहाल हुए डॉक्टरों के मानदेय बढ़ाने के लिए एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले को सुनने के बाद निर्देश दिया कि इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दिए गए रिप्रेजेंटेशन पर वे विचार कर शीघ्र फैसला लें। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 26 जुलाई को होगी।
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