समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार किसी मूक-बधिर वकील ने सांकेतिक भाषा दुभाषिया की मदद से बहस की. वकील का नाम सारा सनी है. सारा के लिए सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में पेश होना किसी सपने के सच होने से कम नहीं है. वो प्रैक्टिसिंग बधिर वकील के रूप में पंजीकृत होने वाली भारत की पहली वकील हैं. सारा सनी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं और उन्होंने एक सांकेतिक भाषा दुभाषिया की मदद से अदालती कार्यवाही को लाइव देखा.
सारा सनी की ओर से पेश वकील संचिता ऐन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि दुभाषिया को अनुमति दी जानी चाहिए ताकि सारा कार्यवाही को समझ सकें.
पूरे दिन अदालत कक्ष में दुभाषिया ने सांकेतिक भाषा के जरिए सारा को कार्यवाही समझाई. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दुभाषिया द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये एक स्वागत योग्य कदम है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संचिता ऐन ने कहा कि सारा एक प्रतिभाशाली लड़की है और वो अपने सपनों को साकार करना चाहती है. मैं केवल उसे हर संभव तरीके से सहयोग दे रही हूं. मुझे हमेशा लगता है कि भारत में बधिर लोगों के लिए इस तरह का बुनियादी ढांचा विकसित होना चाहिए.
संचिता ने आगे कहा, “भारत में दुभाषिया की नियुक्ति आसान और लागत प्रभावी नहीं है. सारा मेघालय उच्च न्यायालय में पेश हुई और वह बहुत खुश थी कि वो अदालती कार्यवाही में भाग ले सकीं.”
सुनवाई के तुरंत बाद संचिता ने सारा के हवाले से कहा कि व्याख्या की मदद से, मैं सीख सकती हूं कि आत्मविश्वास के साथ बहस कैसे की जाती है.
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