‘चाहे ये भगोड़े फासीवादी दुनिया में कहीं भी हों…’ – शेख हसीना पर भारत के साथ टकराव के मूड में युनूस सरकार

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 नवम्बर। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन युनूस ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने शेख हसीना के नेतृत्व को लेकर भारत के प्रति अपनी निराशा और गुस्से को जाहिर किया। युनूस ने कहा, “चाहे ये भगोड़े फासीवादी दुनिया में कहीं भी हों, बांग्लादेश अपनी स्थिति पर कायम रहेगा।” इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि बांग्लादेश की सरकार फिलहाल भारत के साथ संबंधों को लेकर टकराव के मूड में है।

बांग्लादेश और भारत के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक रिश्ते रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद उभरकर सामने आए हैं। बांग्लादेश सरकार ने भारत की कुछ नीतियों और अपने देश के अंदर भारत के प्रभाव को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। इन मुद्दों में सीमा सुरक्षा, जलसंसाधन, और खासकर भारत-बांग्लादेश संबंधों में भारत के दखल से जुड़े विवाद शामिल हैं।

युनूस का यह बयान बांग्लादेश की सरकार के उस रुख को दर्शाता है, जो भारत के खिलाफ लगातार कठोर शब्दों का इस्तेमाल कर रही है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में सत्ताधारी दल, अवामी लीग, और विपक्ष के बीच आंतरिक राजनीतिक संघर्ष भी बढ़ चुका है। शेख हसीना की सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा तीव्र आलोचना की जा रही है, और ऐसे में सरकार अपनी छवि को मजबूती से पेश करने के लिए बाहरी मुद्दों को अधिक तूल दे सकती है।

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते कई दशकों पुरानी साझेदारी पर आधारित हैं, और दोनों देशों ने हमेशा एक दूसरे के साथ मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों पर काम किया है। हालांकि, वर्तमान राजनीतिक माहौल में यह देखा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच सहयोग की बजाय टकराव बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

युनूस का बयान न केवल भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्तों पर असर डाल सकता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बांग्लादेश की छवि को प्रभावित कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में किसी भी प्रकार की बयानबाजी, विशेष रूप से पड़ोसी देशों के खिलाफ, देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में खटास ला सकती है।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश और भारत किस दिशा में अपने रिश्तों को ले जाते हैं और क्या युनूस का बयान दोनों देशों के बीच एक और कड़वाहट का कारण बनेगा, या फिर इसे कूटनीतिक स्तर पर सुलझाया जाएगा।

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