समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 फरवरी। कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब को लेकर जारी हंगामे का असर अब देश के विभिन्न राज्यों में देखने को मिल रहा है। सियासी प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं। सत्ता पक्ष यानी बीजेपी और विपक्ष सामने-सामने है। इस बीच हिजाब विवाद कर्नाटक हाई कोर्ट की बड़ी बेंच में सुनवाई शुरू हो गई है। इस पीठ में जस्टिस अवस्थी के अलावा, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी शामिल हैं। इससे पहले एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक के स्कूल में हिजाब पर रोक के मामले में कहा कि हिजाब पहनना मुस्लिम महिलाओं का अधिकार है। इसमें किसी तरह का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मीडिया को हाईकोर्ट ने ये दी सलाह
अदालत ने हिजाब विवाद की सुनवाई करते हुए मीडिया को भी हिदायत दी है कि वह हर एक टिप्पणी की रिपोर्टिंग न करे। अदालत ने कहा कि मीडिया को आखिरी आदेश का इंतजार करना चाहिए। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हिजाब पहनना मूल अधिकार के दायरे में आता है या नहीं। इसके अलावा इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या हिजाब पहनना धर्म के पालन के लिए जरूरी हिस्सा है या नहीं है।
छात्राओं के वकील बोले- डेढ़ महीने में होने हैं एग्जाम, जल्दी निकालो समाधान
लड़कियों का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि हम यह नहीं चाहते कि स्कूल एवं कॉलेजों में किसी भी तरह के अलगाववाद की भावना रहे। उन्होंने कहा कि अब परीक्षा में डेढ़ महीने का ही वक्त बचा है। ऐसे में इस विवाद का हल होना जरूरी है।
सरकार ने कहा, हिजाब और भगवा गमछे में एंट्री की नहीं दे सकते परमिशन
वहीं सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ड्रेस कोड को स्कूल अथवा कॉलेजों में फॉलो किया जाना चाहिए। इससे पहले बुधवार को जस्टिस कृष्णा दीक्षित की अदालत ने मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेज दिया था। आज हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जेएम खाजी शामिल थे। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि छात्रों को स्कार्फ या हिजाब अथवा भगवा गमछे के साथ एंट्री नहीं दी जा सकती। यह अच्छी स्थिति नहीं होगी। छात्रों को यूनिफॉर्म कोड के साथ ही स्कूलों में आना होगा।
‘कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में यूनिफॉर्म को लेकर कोई स्पेशल प्रावधान नहीं: BKRवकील
केस की सुनवाई के दौरान हिजाब पहनने की मांग करने की वाली छात्राओं के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में कोई बात नहीं कही गई है। उन्होंने अदालत में कहा, ‘कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में यूनिफॉर्म को लेकर कोई स्पेशल प्रावधान नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा है और इसे स्कूल एवं कॉलेजों की ओर से अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्दी ही फैसला लिए जाने की जरूरत है ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न हो क्योंकि मार्च में ही उनके एग्जाम भी होने वाले हैं।
प्रिंसिपल ने मुस्लिम छात्रा को हिजाब पहनने के लिए मना किया
पुड्डचेरी में अरियानकुप्पम के एक सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल ने एक मुस्लिम छात्रा को हिजाब नहीं पहनने और यूनिफॉर्म में विद्यालय आने के लिए कहा था। इसके बाद एक नया विवाद उत्पन्न हो गया। छात्रा के अभिभावकों और समाजिक संस्थाओं ने इस बात की जानकारी ली, जिसमें प्रिंसिपल ने बताया कि यह बात उन्होंनें बिना किसी इरादे और स्कूल में छात्रों के बीच समानता बनाए रखने के लिए कही थी।
पुड्डुचेरी में भी फैला हिजाब विवाद
हिजाब विवाद की आग कर्नाटक के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में भी फैल गई है। पुड्डुचेरी के एक स्कूल में उत्पन्न हिजाब विवाद की प्रदेश के शक्षिा मंत्री ए नमस्सिवयम ने जांच के आदेश दे दिए हैं। श्री नमस्सिवयम ने गुरुवार को अरियानकुप्पम के एक स्कूल में हुए हिजाब विवाद की जांच के आदेश दिए हैं।
‘विरोध प्रदर्शन करना महाराष्ट्र के लोगों के हित में नहीं‘
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि किसी अन्य राज्य में हुए घटनाक्रम पर शांति भंग करना या विरोध प्रदर्शन करना महाराष्ट्र के लोगों के हित में नहीं है। पाटिल ने कहा, “राजनीतिक लाभ के लिए यह सब करना उचित नहीं। मैं सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से इस संबंध में सहयोग करने और शांति सुनिश्चित करने की अपील करता हूं।”
‘हिजाब विवाद का राजनीतिक लाभ न उठाएं‘
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने गुरुवार को राजनीतिक दलों से अपील की, कि वे कर्नाटक में हिजाब पर उठे विवाद पर राजनीतिक लाभ के लिए शांति भंग करने या विरोध प्रदर्शन करने से बचें। उन्होंने कहा कि किसी अन्य राज्य में हुए घटनाक्रम पर महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करना उचित नहीं है।
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