दिल्ली दंगा प्रभावित इलाकों में किसका पलड़ा रहा भारी?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 फरवरी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और एक खास नजर उन इलाकों पर है जहां 2020 में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ये क्षेत्र चुनावी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे थे, क्योंकि यहां का सामाजिक और राजनीतिक माहौल पूरी दिल्ली से अलग नजर आता है। सवाल यह था कि क्या दंगा प्रभावित क्षेत्रों में मतदाताओं ने सरकार से नाराजगी जताई या फिर मौजूदा दलों पर भरोसा बनाए रखा?

BJP बनाम AAP: किसका दबदबा?

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में इस बार चुनावी मुकाबला कड़ा रहा। हालांकि, BJP ने इन क्षेत्रों में मजबूत पकड़ बनाई और कई सीटों पर जीत दर्ज की। AAP ने भी कुछ इलाकों में कड़ी टक्कर दी, लेकिन BJP का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा।

मुख्य विधानसभा सीटों का हाल:

1. मुस्तफाबाद (BJP)

मुस्तफाबाद 2020 के दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा था। इस बार BJP के मोहन सिंह बिष्ट ने AAP के उम्मीदवार को हराकर यह सीट जीत ली। यहां AAP की सरकार से नाराजगी देखने को मिली, जिसका फायदा BJP को हुआ।

2. करावल नगर (BJP)

यहां से BJP के कपिल मिश्रा ने जीत दर्ज की। कपिल मिश्रा पहले भी विवादों में रहे हैं और 2020 के दंगों के दौरान दिए गए उनके बयानों पर भी काफी चर्चा हुई थी। फिर भी, मतदाताओं ने BJP के पक्ष में मतदान किया।

3. बाबरपुर (AAP)

AAP के गोपाल राय ने इस सीट पर जीत दर्ज की। बाबरपुर में मुस्लिम मतदाता अधिक संख्या में हैं, और उन्होंने AAP को समर्थन दिया।

4. सीलमपुर (AAP)

यह क्षेत्र भी 2020 में काफी चर्चा में रहा था। AAP के चौधरी जुबैर अहमद ने यहां से जीत दर्ज की। यह सीट मुस्लिम बहुल होने के कारण AAP के पक्ष में गई।

5. घोंडा (BJP)

BJP के अजय महावर ने घोंडा सीट पर जीत हासिल की। यह इलाका भी 2020 के दंगों के दौरान प्रभावित हुआ था, और BJP ने यहां हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने में सफलता हासिल की।

क्या था चुनावी ट्रेंड?

  • हिंदू बहुल क्षेत्रों में BJP ने बड़ी बढ़त बनाई, खासकर घोंडा, करावल नगर और मुस्तफाबाद में।
  • मुस्लिम बहुल इलाकों में AAP को बढ़त मिली, जैसे बाबरपुर और सीलमपुर।
  • 2020 के दंगों की पृष्ठभूमि में, BJP की आक्रामक प्रचार रणनीति कारगर रही, जिससे उसे बढ़त मिली।
  • AAP को उन्हीं क्षेत्रों में लाभ मिला जहां उसका कोर वोट बैंक पहले से मजबूत था।

निष्कर्ष:

2020 के दंगा प्रभावित इलाकों में इस बार BJP का प्रदर्शन बेहतर रहा। पार्टी ने मुस्तफाबाद, करावल नगर और घोंडा जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि AAP ने बाबरपुर और सीलमपुर में अपनी पकड़ बनाए रखी। इन नतीजों से साफ है कि दिल्ली में दंगा प्रभावित क्षेत्रों में ध्रुवीकरण का असर चुनाव पर पड़ा और मतदाता धार्मिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करने पहुंचे।

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