समग्र समाचार सेवा
जय़पुर, 31दिसंबर। राजस्थान में शनिवार को बीजेपी का मंत्रिमंडल 27 दिन बाद गठित हुआ। मंत्रिमंडल गठित होते ही कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश में पहला ऐसा मौका देखने को मिला है जब कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ने से पहले ही सीधे राज्य मंत्री बन गया। बीजेपी ने शनिवार को श्रीकरणपुर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को राज्य मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। हालांकि करणपुर विधानसभा में 5 जनवरी को मतदान होंगे। लेकिन चुनाव परिणाम आने से पहले ही भाजपा ने उन्हें मंत्री पद की सौगात दी है। माना जा रहा है कि टीटी को मंत्री बनाकर बीजेपी ने करणपुर से अपनी जीत को सुनिश्चित करने की कोशिश की। अब राजस्थान ही नहीं पूरे देश में यह चर्चा हो रही है कि आखिर कौन हैं ये बीजेपी के दिग्गज जिन्हें चुनाव लड़ने से पहले ही मंत्री पद सौंप दिया गया।
कौन हैं सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ?
राजस्थान की करणपुर विधानसभा से 5 जनवरी को होने वाले मतदान के लिए सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनावी मैदान में है। सुरेंद्र पाल सिंह टीटी बीजेपी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में शामिल है। बता दें कि वह 1994 में कैबिनेट रैंक के साथ राजस्थान वेयरहाउसिंग के अध्यक्ष रहे। भजन लाल शर्मा सरकार में राज्यमंत्री बनने से पहले वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार में कृषि मंत्री (2003-2008) रहे। इसके बाद खान और पेट्रोलियम मंत्री (2013-2018) के रूप में कार्य किया। इसके बाद अब भजन सरकार में उन्हें चुनाव जीतने से पहले ही ताज पहना दिया गया। देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने से पहले ही राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।
जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय की भी शरण लेंगे : डोटासरा
भजनलाल मंत्री मंडल में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने पर कांग्रेस ने एतराज जताया है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाकर भाजपा ने चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है, जिसे कांग्रेस कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रत्याशी को मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराएगी। जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय की भी शरण लेंगे। डोटासरा ने कहा कि मतदान को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर सुरेंद्र पाल टीटी को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने यह हथकंडा अपनाया है जो संविधान का उल्लंघन है।
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