समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच एक ऐसा बयान दिया है जो हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी के बाद हिंदू पक्षकारों की ओर से शिवलिंग मिलने के साथ तमाम दावे किए जा रहे हैं। जिसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने टिप्पणी की है। उन्होंने मामले में आपसी समझौते के माध्यम से हल निकालने का आह्वान किया है। संघ प्रमुख ने सवाल किया कि हम हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशने जाएं?
बता दें कि मोहन भागवत ने यह बयान गुरुवार को आरएसएस के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह पर दिया। य़हां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कुछ जगहों के प्रति हमारी विशेष श्रद्धा थी जिसके बारे में बात की गई। अब हमें रोजाना धर्म के लेकर एक नया मामला नहीं लाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि हमें विवाद नहीं बढ़ाना चाहिए। ज्ञानवापी के प्रति हमारी श्रद्धा है और उसके अनुसार कुछ कर रहे हैं, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों की जाए?
#WATCH | "…We shouldn't bring out a new matter daily. Why should we escalate dispute? We have devotion towards #Gyanvapi and we are doing something as per that, it is alright. But why look for a Shivling in every masjid?…" says RSS chief as he speaks on Gyanvapi mosque issue. pic.twitter.com/eYLmaEEQY4
— ANI (@ANI) June 2, 2022
मोहन भागवत ने कहा कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है। इसे हम बदल नहीं सकते। लेकिन हमें रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना है? झगड़ा क्यों बढ़ाना।
आरएसएस चीफ ने आगे कहा कि ज्ञानवापी का इतिहास हमने नहीं बनाया है। इस्लाम आक्रामकों के हाथों आया। हजारों देवस्थान तोड़े गए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि का आंदोलन था। उसे पूरा किया गया। अब हमें आंदोलन नहीं करना है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि ज्ञानवापी के बारे में श्रद्धा और परंपराएं हैं। लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना?
भागवत के बयान की सराहना करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे बेहद रचनात्मक बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमें इतिहास को अलग रखना और इसे एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई का हथियार नहीं बनाना सीखना चाहिए।’
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