हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है, और उनकी भक्ति से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। खासकर शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है या मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करता है, उस पर शनि देव की साढ़े साती और ढैया का प्रभाव नहीं पड़ता। आखिर ऐसा क्यों माना जाता है? इसके पीछे एक रोचक कथा जुड़ी हुई है।
शनि देव और हनुमान जी से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार शनि देव अत्यंत अहंकार में आ गए और उन्होंने भगवान शिव से कहा कि “सभी देवता और मनुष्य मेरे प्रकोप से डरते हैं।” इस पर भगवान शिव ने कहा कि “तुम्हारी शक्ति का असर हर किसी पर पड़ता होगा, लेकिन तुम हनुमान जी की परीक्षा लेकर देखो।”
शनि देव को यह चुनौती स्वीकार थी। जब वह हनुमान जी के पास पहुंचे, तब हनुमान जी रामकथा में लीन थे। उन्होंने शनि देव को देखा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। शनि देव ने हनुमान जी से कहा, “मैं तुम्हारी कुंडली में प्रवेश करूँगा और तुम्हें अपने प्रभाव में लूँगा।”
हनुमान जी ने मुस्कुराकर कहा, “अगर तुम मेरे ऊपर प्रभाव डालना चाहते हो, तो पहले मेरी पूंछ पर बैठ जाओ।” शनि देव हनुमान जी की पूंछ पर बैठ गए, और उसी समय हनुमान जी ने अपनी पूंछ को लंबी कर आकाश की ओर लपेटना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे शनि देव हनुमान जी की पूंछ में फँस गए और दर्द से कराहने लगे।
जब शनि देव को बहुत कष्ट हुआ, तो उन्होंने हनुमान जी से माफी मांगी और कहा कि वे अब कभी भी उनके भक्तों को कष्ट नहीं देंगे। हनुमान जी ने उन्हें मुक्त कर दिया, लेकिन शनि देव को कई चोटें आई थीं। इस पर हनुमान जी ने उन्हें तेल लगाने की सलाह दी, जिससे उनका दर्द कम हो गया। तभी से शनिवार को तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
इस कथा से क्या शिक्षा मिलती है?
- हनुमान जी के भक्तों को शनि देव के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने और तेल चढ़ाने से शनि दोष दूर होता है।
- हनुमान जी की भक्ति से हर प्रकार के संकट टल जाते हैं।
कैसे बचें शनि के प्रभाव से?
- हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और चमेली का तेल अर्पित करें।
- शनि मंदिर में तेल का दीपक जलाएं और गरीबों को दान करें।
- हनुमान जी का ध्यान करने से आत्मबल बढ़ता है और भय दूर होता है।
निष्कर्ष
हनुमान जी की भक्ति करने वालों पर शनि देव का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि स्वयं शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि उनके भक्तों को कष्ट नहीं देंगे। इसलिए, यदि कोई शनि की साढ़े साती, ढैया या महादशा से परेशान है, तो उसे हनुमान जी की भक्ति अवश्य करनी चाहिए। उनका आशीर्वाद जीवन के सभी संकटों को दूर कर सकता है।
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