समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जनवरी। आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। उनकी बहादुरी, देशभक्ति और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें न केवल भारतीयों के बीच, बल्कि पूरी दुनिया में एक सम्मानित स्थान दिलवाया। हालांकि, समय के साथ-साथ उनकी विचारधारा और संघर्ष के तरीके को लेकर कुछ विवाद भी उठे हैं, जिनमें ब्रिटिश इको सिस्टम की आलोचना और नाजी विचारधारा के साथ उनके जुड़ाव के आरोप शामिल हैं।
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