गुजरात से पहले हिमाचल में चुनाव की तारीखों का ऐलान क्यों ? चुनाव आयोग के फैसले पर उठ रहे सवाल, विपक्ष ने कही ये बात…
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 15 अक्टूबर। शुक्रवार की सुबह चुनाव आयोग की पीसी की खबर आते ही अटकलें लगने लगी थीं कि हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान एक साथ होगा, क्योंकि नियम के मुताबिक अगर दो राज्यों में यदि विधानसभा का कार्यकाल छह महीने के भीतर खत्म हो रहा हो तो चुनाव एक साथ होते हैं और परिणाम भी साथ घोषित किए जाते हैं. लेकिन दिन में तीन बजे चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस में सिर्फ हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ और गुजरात की चुनाव तारीखों का नहीं. इसकी वजह ये भी है कि इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव 2017 में दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में कराए गए थे और दिसंबर में एक साथ चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे. गुजरात में दो चरणों में वोटिंग हुई थी.
चुनाव आयोग ने दी सफाई-क्यों नहीं एक साथ हो रहे चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किए जाने के पीछे की वजह बताई और कहा कि कहीं किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ”दोनों राज्यों के विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में 40 दिन का अंतर है. नियम के मुताबिक, कम से कम अंतर 30 दिन का होना चाहिए ताकि एक के परिणाम का असर दूसरे पर ना हो.’
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, ”मौसम जैसे कई कारक है, हम बर्फबारी से पहले हिमाचल में चुनाव चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कई पक्षकारकों से विचार-विमर्श किया है. यह भी बताया कि आचार संहिता की अवधि भी 70 दिन से घटाकर 57 दिन कर दी गई है.
चुनाव आयोग के फैसले पर उठ रहे सवाल
दरअसल, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हमेशा से ही आसपास की तारीखों में चुनाव होते आए हैं. दोनों की तारीखें भी आसपास ही तय की जाती हैं. यही कारण है कि चुनाव आयोग पर सवाल उठने लगे हैं. इसे नियमों का उल्लंघन बताया जा रहा है. क्योंकि दो राज्यों में अगर विधानसभा का कार्यकाल छह महीने के अंदर खत्म होता है तो चुनाव एक साथ कराए जाते हैं और परिणाम भी साथ घोषित होते हैं.
विपक्ष ने कसा तंज-आश्चर्य की कोई बात नहीं
कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि गुजरात चुनावों की घोषणा बाद में मौजूदा सरकार को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले और अधिक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की अनुमति दे सकती है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री को कुछ बड़े वादे करने और और उद्घाटन करने के लिए और समय देने के लिए किया गया है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है.”
हिमाचल प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर होगी. नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर होगी. मतदान 12 नवंबर को होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
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