कोरोना की रफ्तार क्यों है तेज….कौन होता है इसका शिकार, कोविड-19 से कैसे करें बचाव ???

स्निग्धा श्रीवास्तव
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18अप्रैल।
देश में लगातार कोरोना मामलें बढ़ते जा रहे है। 2020 में भारत में आई इस भयंकर महामारी ने पूरी दूनिया को अपने चपेट में ले लिया है। करोड़ों लोगों ने अब तक अपनी जान भी गंवा दी है। ये बात और है कि अब तक यह पता नही चल सका है कि इस कोरोना सकंमण का ईलाज क्या है…यह महामारी… यह संक्रमण आया है कहां से…लेकिन अब तक ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण चीनी उत्पाद है अर्थात है यह चीन से आया है।
अब रही बात इस कोरोना बीमारी के लक्षण की….मतलब की इस कोरोना महामारी को कैसे पता किया जा सकता है तो बता दें कि इसके भी कुछ निश्चित संकेत नही है…यानि कुछ लोग तो संक्रमण के शिकार है लेकिन लेकिन उनकी जांच निगेटिव आती है…..कभी कभी तो ऐसा भी देखा गया है कि किसी व्यक्ति के अन्दर इसके लक्षण तो नही है लेकिन वो कोरोना संक्रमित है।
हांलाकि कोरोना के कुछ लक्षण है जिससे संकेत मिलते है कि आप कोरोना संक्रमित है लेकिन सीधे तौर पर नही कह सकते है। क्योंकि सर्दी खांसी फिवर जैसे तमाम लक्षण है जो बदलते मौसम में होते रहते है। इसका मतलब जरूरी नही कि जिस व्यक्ति में यह लक्षण है वो कोरोना संक्रमित है। इसके कुछ लक्षण ऐसे है जिससे पता लगाया जा सकता है व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, जैसे- सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ सुगंध नहीं आना, खाने में स्वाद नहीं आना, सांस लेने में तकलीफ होना और गले में दर्द होना आदि।

कोरोना संक्रमण उन लोगों को बहुत जल्दी अपनी गिरफ्त में ले रहा है जो पहले से किसी बीमारी के शिकार है, जैसे- डायबिटीज पेशेंट, किडनी पेशेंट, कमजोर इम्युनीटि के लोग, अस्थमा के मरीज या फिर हार्ट के मरीज।

बता दें कि कोरोना संक्रमण के ज्यादात्तर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना देखा गया है।

पहले कोरोना संक्रमण कम से कम हर 10 मिनट में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच रहा था लेकिन जिस तरह से वर्तमान समय में यह संक्रमण फैल रहा है उसे देखते हुए डॉक्टरों का मानना है कि अब यह बीमारी हर एक मिनट में एक व्यक्ति को अपना शिकार बना रहा है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह संक्रमण इतनी तेजी से कैसे फैल रहा है??

जहां तक अभी तक पता चल सका है उसके हिसाब से देखा जाए तो यह बीमारी एक कोरोना व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर अर्थात हाथ मिलाने पर या किसी से शारिरीक रुप से टच करने पर फैलता है या सीधे तौर पर कहे कि कोरोना संक्रमण एक छुआछूत की बीमारी है। यानि अगर आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से किसी भी तरह मिलते है या संपर्क में आते है तो निश्चित तौर पर आप कोरोना संक्रमण को आमंत्रित कर रहे है।
ये भी जान लिजिए अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी वस्तु को टच करके चला जा रहा है और अगर आपने उस वस्तु को जाने- अनजाने छु दिया तो भी आप कोरोना संक्रमण के शिकार हो सकते है…….
जानते है क्यो???

वो इसलिए कि कोरोना संक्रमण किसी पर्टिकुलर स्थान पर 36 घंटो तक स्थित रहता है यानि अगर आप उस वस्तु को बीना साफ किए या बीना सेनेटाइज किए छूते है तो आप कोरोना संक्रमण के शिकार हो सकते है।
इसलिए डॉक्टर्स आपको लगातार सलाह देते आ रहे है कि अपने हाथ अच्छी तरह धोएं और बार- बार धोएं, खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढंक लें।
हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को ना छूने। मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़कर निकालना चाहिए, मास्क बार-बार नहीं छूना चाहिए।

इसमें भी एक मिथ्या ही है….क्योकिं CDC ने 5 अप्रैल को स्टडी की रिपोर्ट जारी की जिसकी ब्रीफिंग के दौरान संस्था के डायरेक्टर Dr. Rochelle Walensky ने बताया कि हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि संक्रमण सतह से फैल सकता है लेकिन इसकी आशंका इतनी कम है कि ये लगभग नहीं के जितना है, दरअसल कोरोना वायरस श्वसन तंत्र के जरिए फैलने वाला वायरस है, जो हवा से होते हुए फैलता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये वायरस हवा के जरिए अधिक फैल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक हवा में कोरोना संक्रमित व्‍यक्ति की नाक और मुंह से निकली बेहद छोटी बूंदे मौजूद रहती हैं जो दूसरे को संक्रमित करती हैं।
इसलिए भी नई गाइलाइन के मुताबिक कार में अकेले बैठे व्यक्ति को भी मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।

अब चिकित्सा जर्नल लेंसेट में प्रकाशित नए अध्ययन ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्हें पुख्ता सबूत मिले है कि कोरोना हवा से फैल रहा है।

इसलिए जन स्वास्थ्य के उपाय वायरस को रोकने में सफल नहीं हो रहे हैं, क्योंकि हवा में वायरस होने की वजह से लोग असुरक्षित हैं और संक्रमण को फैलने का मौका मिल रहा है। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के छह विशेषज्ञों ने यह पड़ताल की है और सबूत जुटाए हैं। इनमें को ऑपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायरमेंट साइंसेज के केमिस्ट जोस-लुइस जिमेनेज भी शामिल हैं। जिमेनेज ने कहा, ‘हवा के जरिए संक्रमण के सबूत काफी मजबूत हैं और बड़े ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन के समर्थन के लिए सबूत ना के बराबर हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और जन स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली अन्य एजेंसियों को इन वैज्ञानिक सबूतों को अपनाना चाहिए ताकि वायु जनित संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें।’
सबसे बड़ी बात है कि ट्रांसमिशन आउटडोर के मुकाबले इंडोर में ज्यादा मौजूद होता है और इंडोर वेंटिलेशन से संक्रमण काफी घट जाता है। उनका ऐसा मानना है कि बिना लक्षण वाले ऐसे लोगों की संक्रमण फैलाने में कम से कम 40 फीसदी हिस्सेदारी है, जो खांसते या छींकते नहीं हैं।

अब ऐसा संक्रमण, ऐसी महामारी ना ही जिसके निश्चित लक्षण है, ना उचित इलाज है तो बेहतर है कि हम इसके लिए जितनी ज्यादा सावधानी बरत सके उतना ही अच्छा है। भीड़ में कम रहें, इंडोर में बिताए जाने वाले आयोजन में कम शामिल हो, इंडोर में लोगों के साथ रहते हुए भी मास्क का इस्तेमाल करें, भले ही छह फीट की दूरी हो। मास्क भी अच्छी क्वॉलिटी और फिटिंग का पहने, मास्क को भी बार-बार ना छूएं, संक्रमित व्यक्ति के साथ रहते हैं तो उच्च गुणवत्ता के पीपीई किट पहनें।

हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश में व्यापक रूप से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अब तक ताजा जानकारी के मुताबिक 12 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। टीकाकरण के बाद भी मास्क और दो गज की दूरी को जरूर अपनाएं।

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