सुनील अग्रवाल।
चुनावी सरगर्मियों के बीच बंगाल में सत्ता पर काबिज होने वास्ते भाजपा बनाम तृणमूल कांग्रेस आर-पार की लड़ाई के मुड में दिखती हैं। दोनों के तेवरों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य चुनावों की तुलना में इस बार का चुनाव अहम होने वाला है। चुनावी शतरंज के धुरंधरों का जमावड़ा बंगाल में आसानी से देखा जा सकता है।
चुनावी हिंसा के लिए पूर्व से मशहूर बंगाल में हिंसा मुक्त चुनाव करा पाना चुनाव आयोग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। इसकी झलक अभी से देखी जा सकती है। चुनाव पूर्व हिंसा में अब तक सैकड़ों लोग अपने जान की आहुति दे चुके हैं।आम लोगों का मानना है कि अभी तो झांकी है, पूरी फिल्म बाकी है।
बहरहाल तृणमूल कांग्रेस ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए ममता बनर्जी को बंगाल की बेटी करार देने की रट लगाए बैठी है, जबकि सच्चाई यह है कि बेटी पराई होती है और इस बार बंगाल की जनता उसे बंगाल से विदा करने का मन बना चुकी है।
भ्रष्टाचार रूपी दलदल में आकंठ डूबी तृणमूल कांग्रेस का काला चिट्ठा उजागर करने में भाजपा कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती।अब तो कोयला तस्करी की आंच ममता बनर्जी के परिवार तक पहुंच चुकी है। इस बावत सीबीआई ममता दीदी के चेहते सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा नरूला को नोटिस तामील कर चुकी है। जबकि कोयला तस्करी और गौ तस्करी का मुख्य आरोपी दुबई में छुपा बैठा हैं और उसे बचाने वास्ते बंगाल की सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखती है।
इधर बंगाल चुनाव प्रभारी सह भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तो बड़ा हीं गंभीर आरोप जड़ते हुए कहा कि कोयला तस्करी तो सिर्फ एक बानगी है, ममता बनर्जी के परिजनों के हाथ तो गौ तस्करी से भी जुड़े हुए हैं और इससे उन लोगों ने ढ़ेरों पैसे कमाए हैं। बजाप्ता उनके पास सबूत है। शीघ्र हीं इस मामले का खुलासा होने वाला है।
वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी का मानना है कि सीबीआई के सहारे केन्द्र सरकार उन्हें डराने की कोशिश कर रही है, मगर वो झुकने वाले नहीं हैं। जबकि सीबीआई नोटिस पर भड़की ममता बनर्जी ने कहा है कि बंदूकों से लड़ने वाले चूहों से नहीं डरते।जब तक मैं जिंदा हूं ऐसी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं। शायद ममता दीदी यह भूल रही है कि जहाज जब डूबता है तो पहले चूहे हीं सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं। कुछ ऐसा हीं बंगाल में ममता बनर्जी का हश्र होने वाला है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर जब वो इस कथित तस्करी में संलिप्त नहीं है तो फिर डरने और डराने की बात कहां से आ गई।एक कहावत है कि ‘चोर के ढाढी में तिनका’। सीबीआई जांच में दुध का दुध और पानी का पानी स्वत: हो जाएगा।
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