समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 8 अक्टूबर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल के आयात को कम कर हमने प्रदूषण को कम करना है। हम अब बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथेनॉल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, बायोडीजल, सीएनजी और अगर मजबूरी हो तो एलएनजी और एलपीजी का प्रयोग करेंगे, लेकिन पेट्रोल-डीजल की मोनोपॉली यानि कि दादागीरी नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कितना प्रदूषण है। हम लगातार डॉक्टरों के पास जाते हैं। 50 प्रतिशत बीमारी तो वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण की वजह से ही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन्हीं कारणों से मेरा स्पष्ट मत है कि पेट्रोल-डीजल के ऊपर किसी देश की दादागीरी नहीं चलेगी। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनेगी। ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। भारत ग्रीन हाइड्रोजन, पूरे विश्व में एक्सपोर्ट करने वाली सबसे बड़ी ताकत होगी। पीएम मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन के लिए नई दिशा दी है। हम लोग वर्ल्ड लीडर होंगे, जैसे क्रूड ऑयल के मामले में ये लोग अपने टर्म डिक्टेट कर रहे हैं, वैसे हिंदुस्तान ग्रीन हाइड्रोजन के मामले में अपने टर्म डिक्टेट करेगा।
उन्होंने कहा कि हम पेट्रोल और डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल कर देश में प्रदूषण फैला रहे हैं। हमें इस देश को तीनों प्रकार के प्रदूषण से बचाने की जरूरत है। हमारे लिए ऑटो मोबाइल सेक्टर बेहद महत्वपूर्ण है। वर्तमान में इस सेक्टर का टर्न ओवर 7.5 लाख करोड़ है। जीडीपी में इसका योगदान 7.1 प्रतिशत है। यह देश का नंबर वन सेक्टर है जो 5 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहा है। हमारी टीम इस सेक्टर को पूरे विश्व में नंबर वन बनाने के लिए काम कर रही है। सभी प्रतिष्ठित कंपनिया भारत में मौजूद हैं। मुझे विश्वास है कि अगले पांच सालों में हमलोग ऑटो सेक्टर में नंबर वन हो जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में वैश्विक स्तर पर इसकी बिक्री 140 प्रतिशत बढ़ी है। पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सपोर्ट दी जा रही है। यहां भारत के लिए भी कई सारी संभावनाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब पेट्रोल से एक किलोमीटर की दूरी तय करने पर दस रुपए का खर्च आ रहा है। वहीं डीजल गाड़ी से एक किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए आठ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ी से एक किलोमीटर जाने पर एक रुपए खर्च हो रहा है।
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