भारत में डेयरी सेक्टर की कर्णधार हैं महिलाएं, लंपी वायरस से भी जल्द मिलेगा छुटकारा- पीएम मोदी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज भारत में डेयरी कॉपरेटिव्स का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. यह देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई बिचौलिया नहीं होता और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में 70 फीसद महिलाएं काम करती हैं. भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था. अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है. यानि करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया है. आज इसका परिणाम यह है कि दु्ग्ध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इससे किसानों की आय भी बढ़ी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है. डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है. आधुनिक टेक्नोल़ॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं. हमने इसे नाम दिया है- पशु आधार. खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है. ये पशुपालन पर भी लागू होता है. इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है. भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं. हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय में देश के कई राज्यों में लंपी वायरस से कई पशुओं की मौत हो गई है. राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. वैज्ञानिकों ने लंपी वायरस की वैक्सीन भी तैयार कर ली है. हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान “mass production” से ज्यादा “production by masses” की है। भारत में डेयरी सेक्टर से जुड़े अधिकांश किसानों के पास या तो एक पशु है, 2 पशु हैं या तीन पशु हैं। इन्हीं छोटे किसानों के परिश्रम और उनके पशुधन की वजह से आज भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। आज भारत के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को ये सेक्टर रोजगार मुहैया कराता है। भारत के डेयरी सेक्टर की ये Uniqueness आपको अन्य जगह पर शायद ही कभी कहीं मिल जाए। आज वर्ल्ड डेयरी समिट में इसका जिक्र मैं इसलिए भी कर रहा हूं, क्योंकि विश्व के अनेक गरीब देशों के किसानों के लिए ये एक बेहतरीन बिजनेस मॉडल बन सकता है।

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