जामा मस्जिद में लड़कियों की एंट्री बैन पर महिला आयोग सख्त, एलजी के दखल के बाद वापस लिया गया प्रतिबंध का आदेश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25नवंबर। दिल्ली की जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर लगाया गया प्रतिबंध वापस ले लिया गया है। अब जामा मस्जिद में लड़कियां प्रवेश कर सकेंगी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पर हस्तक्षेप किया है। जानकारी के मुताबिक, उपराज्यपाल ने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से बात की और लड़कियों का प्रवेश प्रतिबंधित करने वाले आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया।

उपराज्यपाल की अपील पर इमाम बुखारी ने सहमति जताई और आदेश वापस लेने का फैसला किया। साथ ही उन्होंने यहां आने वाले लोगों से मस्जिद की पवित्रता का सम्मान करने का अनुरोध किया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने जारी किया था नोटिस
इससे पहले इस मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को लेकर जामा मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। साथ ही इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के साथ उनसे महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने को लेकर आगाह किया था। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि हम इस मामले को स्वत: संज्ञान ले रहे हैं, यह गंभीर मामला है। जल्द ही इस पर आगे की कार्यवाई की जाएगी।

मस्जिद प्रबंधन ने दी थी बेतुकी दलील
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने साफ किया है कि नमाज पढ़ने के लिए आने वाली महिलाओं को नहीं रोका जाएगा. उन्होंने कहा, ‘ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ मस्जिद में आती हैं. अगर कोई महिला जामा मस्जिद आना चाहती है, तो उसे परिवार या पति के साथ आना होगा. अगर नमाज पढ़ने के खातिर आती है तो उसे नहीं रोका जाएगा.’ जामा मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान ने कहा, ‘महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं है. जब लड़कियां अकेले आती हैं, तो अनुचित हरकतें करती हैं, वीडियो शूट करती हैं. इसे रोकने के लिए बैन है. परिवारों/विवाहित जोड़ों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. धार्मिक स्थलों को अनुपयुक्त बैठक बिंदु बनाना नहीं चाहिए. इसलिए प्रतिबंध है.

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