विश्व बंधुत्व शिखर सम्मेलन: भारत के वसुधैव कुटुंबकम् के मंत्र पर ज़ोर
वैश्विक एकता में पूंजीवाद और आर्थिक असमानता बाधा, पीएम मोदी के 'वसुधैव कुटुंबकम्' विजन की सराहना
- वर्ल्ड ब्रदरहुड ऑर्गेनाइज़ेशन, दिल्ली द्वारा कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में वर्ल्ड ब्रदरहुड समिट का आयोजन।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता कपिल खन्ना ने की; दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष वीजेंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि रहे।
- वक्ताओं ने विश्व शांति, परस्पर सहयोग, और आर्थिक असमानता कम करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 जुलाई: आज, वर्ल्ड ब्रदरहुड ऑर्गेनाइज़ेशन, दिल्ली ने कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में वर्ल्ड ब्रदरहुड समिट का सफल आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्देश्य समकालीन विश्व में भाईचारे, शांति और परस्पर सहयोग की भावना को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्ल्ड ब्रदरहुड ऑर्गेनाइज़ेशन के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना ने की, जिसमें दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष वीजेंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया और वैश्विक एकता के समक्ष चुनौतियों और समाधानों पर गहन चर्चा की।
वर्ल्ड ब्रदरहुड ऑर्गेनाइज़ेशन के 25 साल का सफर
वर्ल्ड ब्रदरहुड ऑर्गेनाइज़ेशन के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने अपने संबोधन में संगठन के अनेक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और पिछले 25 वर्षों में इसके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनका संगठन लगातार विश्वबंधुत्व, शांति और परस्पर सहयोग की भावना को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। खन्ना ने समकालीन समय में इन मूल्यों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज दुनिया को पहले से कहीं अधिक एकजुटता और समझ की आवश्यकता है। उन्होंने संगठन की प्रतिबद्धता दोहराई कि वे वैश्विक स्तर पर सद्भाव फैलाने के लिए काम करते रहेंगे।
भारत का ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ विजन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष वीजेंद्र गुप्ता ने वर्तमान समय में भारत द्वारा विश्व कल्याण के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ (समस्त विश्व एक परिवार है) की भावना से प्रेरित होकर न केवल देश के कल्याण के लिए, बल्कि पूरे विश्व की भलाई के लिए भी प्रयासरत हैं। गुप्ता ने कहा कि भारत की नीतियां और कूटनीति वैश्विक शांति और सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
वैश्विक शांति के मार्ग में चुनौतियां
विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त एयरमार्शल ओपी तिवारी ने विश्व शांति में बाधा उत्पन्न करने वाले तत्वों की ओर इंगित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में बढ़ता पूंजीवाद और इससे उत्पन्न शोषण की भावना वैश्विक एकता में एक बड़ी बाधा है। तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक आर्थिक असमानताएं और शोषण जारी रहेगा, तब तक सच्ची शांति और भाईचारा स्थापित करना मुश्किल होगा। उन्होंने इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
आर्थिक असमानता और विश्व शांति का संबंध
अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य गौरव वल्लभ ने विश्व बंधुत्व, आपसी सहयोग और समन्वय के लिए आवश्यक आर्थिक पक्ष को उजागर किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक असमानता विश्व के अनेक देशों के आपसी संबंध में एक बड़ा अवरोध है। वल्लभ ने कहा कि दुनिया में शांति, सहनशीलता, सहयोग और समन्वय को स्थापित करने के लिए हमें आर्थिक असमानता को कम करने के लिए अथक प्रयास करने होंगे। उन्होंने इस दिशा में भारत के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि भारत इस वैश्विक समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यह कार्यक्रम समाज के अनेक क्षेत्रों और व्यवसायों से जुड़े प्रमुख लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी के साथ सफल रहा, जो विश्व बंधुत्व और शांति के प्रति उनकी गहरी रुचि और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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