विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमीर देशों से की अपील, गरीब और पिछड़े देशों में वैक्सीन की पहली डोज को दी जाय वरियता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 05 अगस्त। पिछले एक साल से पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। कोरोना वायरस के कारण अब तक पूरे विश्व में करोंड़ो लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में पूरा विश्व कोरोना वायरस से निपटने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन पर ध्यान केंद्रित रहा है। लेकिन ऐसे कई देश है जहां गरीबी के कारण लोगों को वैक्सीन की भारी संख्या में कमी देखी गई है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने कोरोना वायरस वैक्सीन की बूस्टर डोज ना देने की अमीर देशों से अपील की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने कहा है कि कम से कम सितंबर के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज को स्थगित कर दे। डब्ल्यूएचओ ने टीकों की बूस्टर खुराक को इसलिए रोकने का आह्वान किया है कि ताकि गरीब और पिछड़े देशों में वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा सके, जहां लोगों को वैक्सीनेट ना के बराबर किया गया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने यह अपील अमीर देशों से की है, जो वैक्सीनेशन में विकासशील देशों से काफी आगे हैं।
टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने कहा है कि अगर हम वैक्सीन की बूस्टर डोज सितंबर 2021 तक नहीं देते हैं तो हर देश की कम से कम 10% आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने कहा, “मैं उन देशों की सभी सरकारों की चिंता को समझता हूं, जो अपने नागरिकों को कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से बचाना चाहते हैं। लेकिन हम उन देशों को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं जो पहले से ही वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति का अधिक उपयोग कर चुके हैं।”
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर के अमीर देशों ने मई 2021 में अपने 100 लोगों पर औसतन 50 वैक्सीन की डोज ली है। अब यह संख्या दोगुनी हो गई है। वहीं कम आय वाले देश अपने 100 औसतन लोगों में से सिर्फ 1 या 2 लोगों को ही वैक्सीन की डोज दे पाए हैं।
टेड्रोस ने कहा, “हमें अमीर देशों में जाने वाले अधिकांश वैक्सीन को रोक कर उसे गरीब और कम आय वाले देशों में भेजने की तत्काल जरूरत है।” कोरोना वैक्सीन बूस्टर को रोकने का आह्वान डब्ल्यूएचओ की ओर से अभी तक सबसे मजबूत अपील है क्योंकि अमीर और गरीब देशों में टीकाकरण दरों का अंतर काफी बड़ा होता जा रहा है।
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