समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17मई। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हर साल 17 मई को दुनिया भर में बढ़ते उच्च रक्तचाप (BP) के बारे में जन जागरूकता को बढ़ावा देने और इस पर नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस पहली बार मई 2005 में आयोजित किया गया था।
इसे वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे भी कहा जाता है। उच्च रक्तचाप से पूरी दुनिया में कई लोग पीड़ित हैं। उच्च रक्तचाप के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। अक्सर लोग इसे हल्के में लेते हैं लेकिन उच्च रक्तचाप कई बड़ी बीमारियों को जन्म देता है। इसकी शुरुआत वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा की गई। 2006 से प्रतिवर्ष 17 मई को इसे मनाया जाने लगा।
जाने क्या है उच्च रक्तचाप
एक सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर यानि रक्तचाप 120/ 80 होता है। यदि ये 140/90 या उससे ऊपर ज्यादा है तो ऐसी स्थिति को उच्च रक्तचाप कहा जाता है। बता दे कि यह समस्या मोटापा, अव्यवस्थित दिनचर्या या जेनेटिक कारणों से होता है। रक्तचाप के बढ़ने पर हार्ट पर दबाव पड़ने लगता है जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
उच्च रक्तचाप यानि ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है, लेकिन यह दुनिया का एक बड़ा हिस्सा इससे ग्रसित है और आए दिन इससे लोगों की मृत्यु भी होती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2017 में पूरे भारत में 22.5 मिलियन लोगों की जांच में पाया गया कि हर आठ में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप का मरीज़ है।
बड़ी मात्रा में लोग करते है लापरवाही
ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जिसके कोई बाहरी अलग से लक्षण नही है। ज्यादात्तर लोगों में नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, त्वचा का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना जैसे मामूली लक्षण देखे जाते है जिसे लोग अनदेखा करते है और मामली बीमारी समझ कर लापरवाही कर जाते है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित आधे से अधिक व्यक्ति इससे अनजान हैं। भारत में उच्च रक्तचाप सभी मौतों का लगभग 10.8% और विकलांगता से प्रभावित जीवन सालों में 4.6% का हिस्सा रखता है। इसके बाद भी लोग ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी पर ध्यान नही देते और लापरवाही करते है।
कैसे करें बचाव
अगर हाइपरटेंशन से बचना है तो ज्यादा फैट (घी, रिफाइंड और तेल) और मसाले वाले खाने से जरूर बचें। जिन्हें इस परेशानी ने घेर लिया है, उनके लिए तो चिकनाई वाला खाना 15 दिन में एक बार ही होना चाहिए।
सुबह में हर दिन 10 से 15 मिनट मेडिटेशन करने से तनाव काफी कम होता है। यह हमें आपात स्थिति को भी बेहतर तरीके से संभालने में सक्षम बनाता है। मेडिटेशन सब्र रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
बताएं गए घरेलू नुस्खों के अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना भी जरूरी है। आपको सोने से लेकर योग करने तक का एक समय निश्चित रखना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए लहसुन की 2 कलियों को सुबह खाली पेट पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए। अगर चबाने में परेशानी हो तो लहसुन के रस की 5-6 बूंद को भी 20 मिली पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
जिन्हें हाइपरटेंशन की समस्या है, उनके लिए तो यह जरूरी है कि नमक सामान्य से भी कम लें। हर दिन 3 से 5 ग्राम (लगभग 1 छोटा चम्मच) नमक काफी है। कई लोग ऊपर से नमक लेते हैं, यह हानिकारक है। नमकीन, मिक्सचर को न कहें। सेंधा नमक दूसरे नमक की तुलना में कुछ बेहतर हो सकता है।
हर दिन सब्जियों और फलों का सेवन करें। सब्जियों में पालक और दूसरे साग, बंद गोभी आदि का सेवन खूब करें।
इसके अलावा अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज है तो आप अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले।
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