समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने प्रकाश पर्व ‘दिवाली’ को उल्लास और उमंग के साथ मनाया। इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों के शीर्ष नेताओं ने शुभकामनाएं देते हुए इस त्योहार के आशा, एकता और प्रकाश के अंधकार पर विजय के संदेश को सराहा।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की हार्दिक शुभकामनाएं
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ (Anthony Albanese) ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए भारतीय मूल के नागरिकों और विश्वभर में दिवाली मनाने वालों को बधाई दी।
उन्होंने कहा, “मैं सभी को दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। जब आप इस महान प्रकाश पर्व को मनाने के लिए एकत्र होते हैं, तो यह समय आपके जीवन में नई उम्मीदें और उज्जवल भविष्य की प्रेरणा लाए। आपका त्योहार आनंदमय और शुभ हो।”
अल्बनीज़ ने कहा कि दिवाली न केवल भारत की, बल्कि पूरी मानवता की साझा भावना को दर्शाती है — एक ऐसा उत्सव जो एकता, प्रकाश और करुणा का प्रतीक है।
न्यूजीलैंड और सिंगापुर से भी आए संदेश
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने अपने संदेश में कहा कि दिवाली “अंधकार पर प्रकाश और निराशा पर उम्मीद की जीत” का उत्सव है। उन्होंने देश में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि, “दिवाली का त्योहार हमारे बहुसांस्कृतिक समाज को और समृद्ध बनाता है। यह हमें विविधता में एकता का महत्व सिखाता है।”
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भी दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार “साझा सद्भाव और सामाजिक एकता” को मजबूत करता है। उन्होंने कहा, “दिवाली का संदेश न केवल रोशनी का, बल्कि आशा, करुणा और साझा विकास का है। यही भावना हमारे समाज की आत्मा को उजागर करती है।”
विश्वभर में फैला भारतीय त्योहार का रंग
दिवाली अब केवल भारत का नहीं, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक पर्व बन चुकी है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और खाड़ी देशों में भी लाखों लोगों ने दीप प्रज्वलित कर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की। कई प्रसिद्ध स्मारक — जैसे सिडनी ओपेरा हाउस, लंदन का टॉवर ब्रिज और सिंगापुर मरीना बे — को भी दीपोत्सव की रोशनी से सजाया गया।
विदेशी नेताओं के संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि दिवाली की भावना सीमाओं से परे है। यह त्योहार शांति, समरसता और नई शुरुआत का प्रतीक बन चुका है।
दिवाली के पाँच दिन — परंपरा और आस्था का संगम
दिवाली का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है —
- धनतेरस – इस दिन लोग सोना, चाँदी या बर्तन खरीदते हैं और भगवान धनवंतरि की पूजा करते हैं।
- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) – यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- मुख्य दिवाली – इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है ताकि सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो।
- गोवर्धन पूजा – भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा की स्मृति में मनाई जाती है।
- भाई दूज – इस दिन बहनें भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए तिलक करती हैं, और भाई उन्हें उपहार देते हैं।
आशा और एकता का वैश्विक संदेश
दिवाली अब एक वैश्विक त्योहार बन चुकी है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि मानवीय और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। विदेशी नेताओं की शुभकामनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि भारतीय संस्कृति की रोशनी आज पूरी दुनिया में उजाला फैला रही है।
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