समग्र समाचार सेवा
मणिपुर, उत्तराखंड, 17 नवंबर:
मणिपुर में हिंसा के बीच सेना और सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि घाटी में स्थिति फिलहाल स्थिर है। हालांकि, एहतियातन अगले दो दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और हिंसा प्रभावित जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को पूरी तरह हटाने की मांग की है। फिलहाल AFSPA राज्य के कुछ हिस्सों में लागू है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में फिर से AFSPA लागू किया था। इसके विपरीत, COCOMI (मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति) ने 24 घंटे के भीतर उग्रवादियों पर सैन्य कार्रवाई की मांग के साथ AFSPA को पूरी तरह हटाने की अपील की है।
पिछले महीने इंफाल घाटी में एक ही परिवार के छह लोग लापता हो गए थे। हाल ही में उनके शव असम बॉर्डर के पास एक नदी से बरामद हुए। इस घटना से मैतेई समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री के आवास और सात विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की।
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर वाहनों को आग लगा दी, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद हिंसा को रोकना चुनौतीपूर्ण हो गया।
घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद और कर्फ्यू लागू किया गया है। सेना और सुरक्षा बल स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
सरकार और केंद्रीय एजेंसियां राज्य में शांति बहाल करने के प्रयासों में जुटी हैं। केंद्र और राज्य के बीच AFSPA पर मतभेद और स्थानीय समुदायों की बढ़ती नाराजगी के बीच मणिपुर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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