यशवंत सिन्हा होंगे विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, सर्वसम्मति से लिया गया फैसला

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21जून। तृणमूल कांग्रेस पार्टी से अलग हुए यशवंत सिन्हा को विपक्ष ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले यशवंत सिन्हा ने मंगलवार यानि आज टीएमसी छोड़ दी थी। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी छोड़ने की जानकारी दी।
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी छोड़ने की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार, आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार होंगे।
यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाने के फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने सर्वसम्मति से यह तय किया है यशवंत सिन्हा विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। इस दौरान एनसीपी नेता शरद पवार समेत कई नेता उपस्थित रहे। शरद पवार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हम 27 जून को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे। कई दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा का नाम आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में पेश करेंगी।

सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।’ आपको बता दें कि देश में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर अपने संयुक्त उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए विपक्षी दलों की मंगलवार को दिल्ली में बैठक होने वाली है।

कौन है यशवंत सिन्हा

यशवंत सिन्हा के जन्म छह नवंबर 1937 को पटना के एक कायस्थ परिवार में हुआ था. उन्होंने राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक बतौर शिक्षक काम किया.
1960 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हुआ. उन्होंने बतौर प्रशासनिक अधिकारी 24 साल तक काम किया.
उन्होंने बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में दो साल तक सचिव और उप-सचिव के पद पर काम किया. इसके बाद उनकी नियुक्ति भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में उप-सचिव के पद पर हो गई. यशवंत सिन्हा ने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय दूतावास में अहम जिम्मेदारी भी संभाली. वह साल 1971 से 1974 तक जर्मनी में भारतीय दूतावास के पहले सचिव नियुक्त किए गए थे.
यशवंत सिन्हा ने करीब ढाई दशक तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राजनीति में एंट्री ली. उन्होंने 1986 में जनता पार्टी ज्वाइन कर कर ली. उन्हें पार्टी का महासचिव पद दिया गया. वह 1988 में पहली बार राज्यसभा सदस्य के लिए चुने गए.

साल 1989 में उनकी पार्टी का जनता दल से गठबंधन होने के बाद उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया. वह 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री के पद पर भी रहे. फिर वह 1998 से साल 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे. उन्होंने 2002 में विदेश मंत्रालय का पद भी संभाला. यशवंत सिन्हा ने 2009 को भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. साल 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी में शामिल हो गए.

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