योग दिवस यह प्रमाण है कि विश्व भारतीय संस्कृति को स्वीकार करता है और अपना रहा हैः राजनाथ सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 जून।रक्षामंत्री  राजनाथ सिंह ने 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून, 2023 को स्वदेशी विमान वाहक जहाज आईएनएस विक्रांत पर सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक कर्मियों के साथ योगाभ्यास किया। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार, उनकी पत्नी और नौसेना कल्याण और वेलनेस एसोसिएशन की अध्यक्ष कला हरि कुमार, भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा, कार्मिक सेवा नियंत्रक वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन और दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल जे. सिंह 120 अग्निवीरों सहित 800 से अधिक कर्मियों के साथ योगाभ्यास के अवसर पर उपस्थित थे।

सुंदर, नीले आकाश और शांत हवा की पृष्ठभूमि में आईएनएस विक्रांत के डेक ने प्राचीन भारतीय अभ्यास का उत्सव मनाने के लिए विस्मयकारी जगह दी, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक वेलनेस के लिए प्रदान किए जाने वाले अनेक लाभों के कारण विश्व भर में इसके महत्व को सुदृढ़ कर रहा है। विशेष योग प्रशिक्षकों ने फिजिकल फिटनेस, मानसिक शांति तथा आध्यात्मिक आरोग्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न आसनों और श्वास अभ्यासों को करने में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।      योगाभ्यास सत्रों के बाद रक्षा मंत्री ने योग प्रशिक्षकों को सम्मानित किया और प्रतिभागियों से बातचीत की। उन्होंने योगाभ्यास के वैश्विक उत्सव को देश के लिए बहुत गर्व की बात बताया क्योंकि विश्व भारतीय संस्कृति को स्वीकार कर रहा है और अपना रहा है। उन्होंने विश्व भर में योग के प्रसार के लिए सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत विश्व को यह संदेश देने में सफल रहा है कि यह अभ्यास पूरी मानवता को अनेक लाभ प्रदान करता है।

राजनाथ सिंह ने जनसमुदाय से अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने की अपील की क्योंकि यह मानव को प्रकृति और परमात्मा से जोड़ने के अतिरिक्त शरीर को मन के साथ जोड़ता है, जबकि आध्यात्मिक चेतना पाने के लिए एक कदम के रूप में कार्य करता है। उन्होंने योग को ‘अमृत’ के बराबर बताया जो शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है और लोगों के दैनिक जीवन में गहरे स्तर पर समग्र आरोग्य प्रदान करते हुए मन, शरीर और आत्मा के पोषण के लिए संभावनाओं के द्वार खोलता है।

रक्षा मंत्री ने शरीर की तुलना कंप्यूटर के हार्डवेयर और मस्तिष्क की तुलना सॉफ्टवेयर के रूप में की।  उन्होंने बल देते हुए कहा कि योग कुशल समग्र क्रियाकलाप के लिए दोनों पहलुओं को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा, ‘योग एक शून्य बजट माध्यम है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक बाधाओं को नकारता है। इसमें शून्य निवेश शामिल है और अविश्वसनीय लाभ प्रदान करता है। योग का महत्व कोविड-19 महामारी के दौरान देखा गया था। उस दौरान जिन लोगों ने योगाभ्यास को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना लिया था, वे वायरस से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हुए थे। विभिन्न शोधों के अनुसार, योग ने महामारी के दौरान लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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