मानवता को ज्ञान, कर्म और भक्ति के एक सूत्र में पिरोने का एक मात्र साधन है योग: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर आइकॉनिक साइट पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का किया शुभारंभ
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22जून। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पूरे विश्व की मानवता को ज्ञान, कर्म और भक्ति के सूत्र में पिरोने का योग एकमात्र साधन है। इस योग के मार्ग पर चलकर प्रत्येक मानव की खुशहाली, मन की शांति, देश की तरक्की के मार्ग खुलने के साथ-साथ पूरे विश्व में एक नई उर्जा का संचार भी पैदा होता है। इस योग की महत्ता को अब पूरा विश्व जान चुका है, इसलिए दुनिया के 177 देश योग साधना के साथ लीन हो चुके है। इस योग की अलख यूनाइटेड नेशन में जलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। सरकार के इन प्रयासों से ही आज योग हर घर तक पहुंच चुका है और करोड़ों लोग योग साधना के साथ जुड़ चुके है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर कुरुक्षेत्र के आइकॉनिक साइट ब्रह्मसरोवर पर आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे।
8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश की आइकॉनिक साइट मैसूरु कर्नाटक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को भी ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग के चारों तरफ बैठे 5 हजार से भी ज्यादा योग साधकों ने सुना।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के घर-घर तक योग पहुंचे, के सपने को साकार करने में योगदान देने वाली 21 से ज्यादा संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आइकॉनिक साइट पर पतंजलि योग समिति की तरफ से पाला राम, डा. निरुपमा भट्टी, भारतीय योग संस्थान की तरफ से मान सिंह ने हजारों योग साधकों को एक साथ प्रोटोकॉल योगा के सूत्र में बांधने का काम किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी करीब 45 मिनट तक प्रोटोकॉल योगा का अभ्यास किया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस आइकॉनिक साइट पर योगा करके अपने आप में एक नई ऊर्जा का संचार देखने को मिला है। इस पावन धरा से मिली उर्जा से यह सहजता से ही एहसास किया जा सकता है कि निश्चित ही हजारों वर्ष पूर्व इसी धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने गीता के जो उपदेश दिए थे, वह आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है और पूरे विश्व को शांति का मार्ग दिखाने के साथ-साथ नई उर्जा का संचार करने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कारण कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद विश्व में योग का प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ा है। इस महामारी के दौरान जहां सरकार की तरफ से गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को अतिरिक्त रुप 25 महीनों तक जो आज भी जारी है, 5 किलो अनाज निशुल्क देने का काम किया। इस महामारी के दौरान सरकार ने जहां लोगों के भोजन, स्वास्थ्य की चिंता की वहीं करोड़ों लोगों को योग के साथ जोड़ने का अनोखा काम किया।
उन्होंने कहा कि आज बचपन से ही युवा पीढ़ी को शिक्षा और योग के संस्कार से परिचित करवाने की जररुत है। जब देश की युवा पीढ़ी में योग की सोच पैदा होगी तो निश्चित ही यह पीढ़ी स्वस्थ और संस्कारवान होगी और जिस देश में युवा पीढ़ी शिक्षित और संस्कारवान होगी वह देश निश्चित ही प्रगति की राह पर तेजी के साथ आगे बढ़ेगा।
हिसार के राखीगढ़ी में केंद्रीय विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने मुख्यातिथि के रूप में योग समारोह का नेतृत्व किया।
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