समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 अप्रैल। मुगलों का इतिहास अब यूपी के स्टूडेंट नहीं पढ़ेंगे. सिलेबस में बड़ा बदलाव किया गया है. इतिहास की किताब से अमेरिकी वर्चस्व के पाठ को भी हटा दिया गया है.
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उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अब से मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा. मुगलों का इतिहास पढ़ाए जाने पर योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. 12वीं के सिलेबस में बदलाव किया गया है.
■ यूपी सरकार का फैसला यूपी बोर्ड और CBSE बोर्ड दोनों पर लागू होगा.
■ यूपी में 12वीं के स्टूडेंट मुगल बादशाहों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे.
■ यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2023-24 के पाठ्यक्रम में बदलाव किया.
■ इतिहास की किताब से कुछ पाठ हटा दिए गए हैं. मुगल दरबार के पाठ को हटाया गया.
■ इसके अलावा 11वीं की इतिहास की किताब से इस्लाम का उदय, औद्योगिक क्रांति, संस्कृतियों में टकराव और समय की शुरुआत पाठ हटाए गए.
■ वहीं, नागरिक शास्त्र की किताब से शीत युद्ध और अमेरिकी वर्चस्व का पाठ हटाया गया.
■ एनसीईआरटी (NCERT) के 12वीं के स्टूडेंट अब मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ेंगे.
■ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने शैक्षिक सत्र 2023-24 से 12वीं में चलने वाली इतिहास की किताब भारतीय इतिहास के कुछ विषय- द्वितीय से शासक और इतिवृत्त- मुगल दरबार (लगभग 16वीं और 17वीं शताब्दियां) को हटा दिया है.
■ साथ ही 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, औद्योगिक क्रांति, संस्कृतियों में टकराव, समय की शुरुआत से पाठ हटाए गए हैं.
■ 12वीं की नागरिकशास्त्र की किताब समकालीन विश्व राजनीति से पूरी तरह से समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व और शीतयुद्ध का दौर पाठ हटा दिया गया है.
■ स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से जन आंदोलनों का उदय और एक दल के प्रभुत्व का दौर हटाया गया.
■ इसके अलावा, 10वीं की लोकतांत्रिक राजनीति 2 की किताब से लोकतंत्र और विविधता, जनसंघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां पाठ हटाए गए.
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