समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 16जून।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में ओपन जेल खोलने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कैबिनेट ने विगत दिनों नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है. जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास है. हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा. इस दिशा में ‘ओपन जेल’ की स्थापना उपयोगी सिद्ध हो सकती है. इस समय लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल संचालित है. ओपन जेल की स्थापना के लिए विधिवत प्रस्ताव तैयार करें.
उन्होंने कहा कि इस समय जेल में निरुद्ध बंदियों के संबंध में जेल अधिनियम 1894 और कैदी अधिनियम 1900 प्रचलित हैं. यह दोनों अधिनियम आजादी के पूर्व से प्रचलन में हैं, जिसके अनेक प्राविधान बदलते परिवेश एवं बंदियों के पुनर्वासन की सुधारात्मक विचारधारा के अनुकूल नहीं हैं. प्रिजन एक्ट 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अभिरक्षा में अनुशासित ढंग से रखने पर केंद्रित है, लेकिन हमें सुधार एवं पुनर्वासन पर केंद्रित होना होगा. ऐसे में भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए हमें नए अधिनियम लागू करने की जरूरत है. कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में मॉड्ल प्रिजन अधिनियम – 2023 तैयार किया गया है. यह मॉडल एक्ट कैदियों के सुधार तथा पुनर्वास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है. इस मॉडल एक्ट के अनुरूप प्रदेश की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए प्रदेश का नया प्रिजन एक्ट तैयार किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कारागारों को ‘सुधार गृह’ के रूप में स्थापित करना होगा. इस उद्देश्य से हर आवश्यक कदम उठाए जाएं. कैदियों का सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव एवं महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर आदि के लिए अलग आवास का प्रावधान जैसी व्यवस्था लागू की जाए. कहा कि आदतन अपराधियों, आतंकवादियों जैसे देश-समाज के लिए बड़ा खतरा बने कैदियों के लिए हाई-सिक्योरिटी बैरक तैयार कराए जाएं. इनकी सुरक्षा के लिए उच्च मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए.
योगी ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर कठोरतम दंड का प्राविधान लागू करें. उन्होंने कारागार प्रशासन में पारदर्शिता लाने की ²ष्टि से प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए. इस समय प्रदेश के कारागारों में बंदियों के प्रवेश/निकास ई-प्रिजन के माध्यम से कराए जा रहे हैं. प्रिजनर्स इन्फारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, ई-अभिरक्षा प्रमाण-पत्र, पुलिस इन्टेलीजेंस सिस्टम लागू है. 4200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे प्रदेश की कारागारों में लगे हुए हैं, जिनकी सतत् निगरानी मुख्यालय में स्थापित वीडियोवॉल से की जाती है, जिन पर एलर्ट भी प्राप्त होते रहते हैं. इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरों को वीडियोवॉल से इंटीग्रेट कर मॉनीटरिंग किया जाए. न्यायालयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का प्रावधान, कारागारों में वैज्ञानिक तथा तकनीकी हस्तक्षेप आदि का प्रावधान भी लागू किया जाए. नया एक्ट तैयार किए जाते समय इसका ध्यान रखा जाए.
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