अमेरिका में जन्म से नहीं मिलेगी नागरिकता! राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप लेंगे बड़ा फैसला, लाखों भारतीयों पर प्रभाव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 नवम्बर। अमेरिकी राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि यदि वे फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह अमेरिकी नागरिकता के नियमों में एक बड़ा बदलाव करेंगे। इसके तहत अमेरिका में जन्म लेने मात्र से नागरिकता का अधिकार समाप्त किया जा सकता है। इस निर्णय का असर न केवल अमेरिका में जन्मे भारतीय बच्चों पर पड़ेगा, बल्कि उन लाखों भारतीय परिवारों पर भी होगा जो अपने बच्चों के भविष्य के लिए अमेरिका में रह रहे हैं।

जन्म आधारित नागरिकता पर ट्रंप का रुख

अमेरिका में वर्तमान में जन्म आधारित नागरिकता का नियम है, जिसके तहत कोई भी बच्चा जो अमेरिकी धरती पर जन्म लेता है, उसे स्वत: ही नागरिकता मिल जाती है। यह नियम अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत आता है, जिसमें जन्मसिद्ध नागरिकता का प्रावधान है। ट्रंप लंबे समय से इस नियम के खिलाफ रहे हैं और इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह प्रावधान न केवल देश की सुरक्षा पर खतरा है, बल्कि अप्रवासियों को भी प्रोत्साहित करता है कि वे अपने बच्चों के साथ अमेरिका आकर यहां बसने की कोशिश करें।

भारतीय समुदाय पर पड़ेगा व्यापक प्रभाव

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या बहुत अधिक है, और हर साल बड़ी संख्या में भारतीय विद्यार्थी, पेशेवर और प्रवासी वहां जाकर बसते हैं। ट्रंप के प्रस्तावित निर्णय का असर विशेष रूप से उन भारतीय परिवारों पर पड़ेगा जो अमेरिका में स्थायी निवास या नागरिकता के लिए प्रयासरत हैं। यदि यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो अमेरिका में जन्मे भारतीय बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, जिससे उनके भविष्य की योजनाओं पर गहरा असर पड़ेगा। इसके अलावा, इससे अमेरिका में आने वाले भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिकी राजनीतिक और कानूनी प्रतिक्रियाएँ

ट्रंप की इस योजना पर अमेरिकी राजनीति में तीव्र प्रतिक्रिया हो सकती है। कई कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जन्म आधारित नागरिकता का अधिकार अमेरिका के संविधान का अभिन्न हिस्सा है और इसे बदलने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी। इसके लिए व्यापक समर्थन और बहस की आवश्यकता होगी, जिससे इस निर्णय को कानूनी रूप से लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

ट्रंप का उद्देश्य और चुनावी रणनीति

ट्रंप का यह निर्णय आगामी चुनावों के लिए एक प्रमुख रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम से वे उन अमेरिकी नागरिकों का समर्थन प्राप्त करना चाहते हैं जो अप्रवासियों के प्रति सख्त नीतियों की मांग करते हैं। उनके इस निर्णय से उनके समर्थकों में एक मजबूत संदेश जाएगा कि वे अमेरिका की सीमाओं और उसके संसाधनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सामने चुनौतियाँ

भारतीय-अमेरिकी समुदाय, जो अमेरिका के आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है, के सामने इस फैसले से नई चुनौतियाँ उत्पन्न होंगी। भारतीय परिवारों के लिए इस निर्णय के कारण अपने बच्चों के भविष्य की योजनाएँ बदलनी पड़ सकती हैं, और उन पर मानसिक और आर्थिक बोझ भी बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

ट्रंप का यह प्रस्तावित निर्णय अमेरिका में नागरिकता प्राप्ति के मूलभूत ढांचे में एक ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है। यदि यह लागू होता है, तो यह अमेरिकी समाज और लाखों अप्रवासी परिवारों के लिए नई चुनौतियों का कारण बनेगा। वहीं, भारतीय समुदाय को इस संभावित बदलाव से जूझने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि इसका असर लंबे समय तक उनके भविष्य पर पड़ सकता है।

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