भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है- केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधान मंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पिछले आठ वर्षों के दौरान कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के किए गए प्रमुख सुधारों और उपलब्धियों पर एक पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने इसका एक ई-बुक संस्करण भी लॉन्च किया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्व-सत्यापन जैसे सुधारों और लीक से हटकर अपनी सोच के अनुरूप साक्षात्कार को खत्म करने और शासन में सुगमता लाने वाली पहलों को प्रोत्साहन के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके परिणामस्वरूप आम आदमी का जीवन आसान हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी प्रशासनिक सुधारों को उच्च प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान लाल किले की प्राचीर से साक्षात्कार को समाप्त करने जैसे निर्णय की घोषणा की और डीओपीटी ने इसे तीन महीने के थोड़े समय के भीतर लागू करने के लिए अथक प्रयास किया। डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में डीओपीटी द्वारा लाए गए ऐसे सभी सुधारों के पीछे प्रधानमंत्री का न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का विचार है।
केंद्रीय मंत्री ने इन सभी सुधारों को लोगों की भागीदारी के साथ सामाजिक-आर्थिक, भविष्यवादी और नागरिक केंद्रित बताया। इससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर मिले। उन्होंने डीओपीटी द्वारा किए गए कई प्रमुख सुधारों, उपलब्धियों और पहलों को सूचीबद्ध किया। इसमें प्रस्तावित सामान्य पात्रता परीक्षा, मिशन कर्मयोगी, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना, नागरिक केंद्रित ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ सहायक सचिवों के अनिवार्य कार्यकाल की पहल एक बहुत बड़ा प्रयोग था जिससे भारत सरकार को बहुत लाभ हुआ।
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन प्रशिक्षण मॉड्यूल का एकमात्र उद्देश्य सरकार की कई प्रमुख योजनाओं के बारे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें इस बात के लिए तैयार करना है कि वे कैसे इन योजनाओं का लाभ पाने में आम लोगों की मदद कर सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का उल्लेख ईमानदार अधिकारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करके शासन में पारदर्शिता लाने के एक साधन के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस ई-पुस्तिका को जारी करने में ईमानदारी से प्रयास करने के लिए डीओपीटी की पूरी टीम की सराहना की और कहा कि इसे अन्य मंत्रालयों/विभागों के साथ भी साझा किया जाएगा। इस अवसर पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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