ज़ुबिन गर्ग की मौत मामले में हत्या की धारा जोड़ी, असम CID की जांच तेज़

समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 3 अक्टूबर: असम के लोकप्रिय गायक ज़ुबिन गर्ग की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। असम पुलिस की आपराधिक जांच विभाग (CID) ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में अब हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है। यह कदम गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) के आयोजक श्यामकानु महांता से पूछताछ के बाद उठाया गया। दोनों को बुधवार को गिरफ्तार कर गुवाहाटी लाया गया था।

CID के विशेष पुलिस महानिदेशक (SDGP) मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा कि ज़ुबिन गर्ग की मौत के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। इसके लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) बनाया गया है और ज़रूरत पड़ने पर जांच टीम सिंगापुर भी जाएगी। उन्होंने बताया, “सिंगापुर सरकार से हमारी बातचीत पूरी हो चुकी है। हमें वहां जाकर जांच करने की अनुमति मिलने में कुछ दिन का समय लगेगा।”

सिंगापुर पुलिस की रिपोर्ट और विवाद

1 अक्टूबर को सिंगापुर पुलिस बल (SPF) ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ज़ुबिन गर्ग की मौत डूबने से हुई थी। प्रारंभिक जानकारी में कहा गया था कि वे स्कूबा डाइविंग के दौरान बेहोश हुए, लेकिन SPF ने स्पष्ट किया कि वे सेंट जॉन्स आइलैंड के पास एक यॉट से तैरने के लिए कूदे थे

रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ुबिन पहले लाइफ जैकेट पहनकर पानी में उतरे और फिर बिना जैकेट के दोबारा कूदे। दूसरी बार उन्हें पानी से बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया और बाद में सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में मृत घोषित कर दिया गया।

हालांकि, इस आधिकारिक बयान के बाद भी संदेह बना हुआ है। ज़ुबिन की पत्नी गरिमा गर्ग ने 27 सितंबर को गुवाहाटी में शिकायत दर्ज कराई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने गुरुवार को कहा, “मुझे अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की आधिकारिक कॉपी नहीं मिली है। जब तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आती, हम न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।”

नए आरोप और गिरफ्तारियां

CID ने पहले इस मामले में केस (CID PS Case No. 18/2025) दर्ज किया था, जिसमें साजिश, लापरवाही से मौत और गैर-इरादतन हत्या की धाराएं लगाई गई थीं। अब इसमें भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 103 – हत्या भी जोड़ दी गई है।

गुरुवार को CID ने असम के दो और संगीतकारों – गायक अमृतप्रभा महांता और संगीतकार शेखर गोस्वामी – को भी गिरफ्तार किया। दोनों से पहले 27 सितंबर को पूछताछ की गई थी। अधिकारियों ने ज़ुबिन का व्यक्तिगत हैंडबैग भी बरामद किया है, जिसमें दस्तावेज़ और दवाइयाँ मिली हैं। दवाओं को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

भारत में दूसरा पोस्टमॉर्टम और जांच की दिशा

ज़ुबिन गर्ग का दूसरा पोस्टमॉर्टम गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) में कराया गया है। viscera (आंतरिक अंगों के नमूने) को दिल्ली स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) भेजा गया है। रिपोर्ट आने में समय लग रहा है, जिसके कारण आधिकारिक निष्कर्ष में देरी हो रही है।

इस बीच, सिंगापुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट भारतीय उच्चायोग को सौंप दी है, जिसे जल्द परिवार को साझा किया जाएगा।

ज़ुबिन गर्ग की मौत को लेकर असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत में लोगों की भावनाएं उफान पर हैं। CID की जांच में हत्या की धारा जुड़ने के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है। जहां एक ओर सिंगापुर पुलिस इसे महज़ डूबने की घटना बता रही है, वहीं परिवार और प्रशंसक अब भी सवाल पूछ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि दोनों देशों की जांच रिपोर्टें कितनी मेल खाती हैं और आखिरकार इस रहस्यमयी मौत की असली सच्चाई कब सामने आती है।

 

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