बिहार विधानसभा चुनाव: सीट बंटवारे पर महागठबंधन में तेज़ी, जल्द होगा ऐलान

समग्र समाचार सेवा
पटना, 7 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने सीट बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर विचार-विमर्श तेज़ कर दिया है। विपक्षी गठबंधन के घटक दलों ने संकेत दिए हैं कि सीट बंटवारे को बहुत जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। इस दिशा में हुई हालिया बैठक को महागठबंधन की तैयारियों का अहम पड़ाव माना जा रहा है।

तेजस्वी यादव के आवास पर हुई बैठक

इस संबंध में महागठबंधन के प्रमुख दलों के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के आवास पर हुई। बैठक में कांग्रेस, राजद और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेताओं ने हिस्सा लिया।

बैठक के बाद VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “15 सितंबर तक सीट बंटवारे की स्थिति साफ हो जाएगी और गठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतरेगा।” वहीं, बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि चर्चा पूरी तरह पारदर्शी रही है और जल्द ही सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा

वोटर अधिकार यात्रा के बाद पहली अहम चर्चा

यह बैठक 16 दिनों तक चली वोटर अधिकार यात्रा के समापन के बाद हुई, जिसे महागठबंधन के लिए संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है। इस उच्च स्तरीय चर्चा में बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और VIP प्रमुख मुकेश सहनी सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे।

बैठक के दौरान सभी 243 विधानसभा सीटों पर गहन चर्चा हुई। नेताओं ने माना कि नए सहयोगियों के शामिल होने से सीट बंटवारे की प्रक्रिया में स्वाभाविक तौर पर समायोजन की ज़रूरत है।

सभी दलों को त्याग के लिए तैयार रहना होगा

बैठक में शामिल नेताओं ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन का मकसद केवल सीटों का बंटवारा करना नहीं, बल्कि सभी सहयोगियों को सम्मानजनक हिस्सा देना है। राजेश राम ने कहा कि “हर पार्टी को त्याग और समझौते की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा, ताकि गठबंधन मज़बूत होकर चुनावी मैदान में उतरे।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत पूरी तरह रचनात्मक और पारदर्शी रही है, और जल्द ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की यह सक्रियता स्पष्ट करती है कि विपक्षी दल इस बार बेहतर तालमेल और रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहते हैं। सभी 243 सीटों पर चर्चा और पारदर्शी प्रक्रिया यह दर्शाती है कि गठबंधन के भीतर विश्वास कायम है। अब देखना होगा कि अंतिम सीट बंटवारे का ऐलान कब और किस फार्मूले पर होता है, क्योंकि इसका सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा।

 

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