नई दिल्ली: जॉब्स के आंकड़ों को दुरुस्त करने के लिए अब भारत में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले घर के कामों की भी मैपिंग की जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए नैशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के महानिदेशक देबी प्रसाद मंडल ने बताया कि सरकार अनपेड महिलाओं के काम को भी रोजगार के तौर पर मानने की तैयारी की है।
इसके साथ ही जनवरी से एक साल तक सर्वे कराने की योजना भी बनाई है। इससे पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि घरेलू महिलाएं घर में कैसे अपना समय घर बिताती हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक महिलाओं पर किए जाने वाले इस सर्वे के नतीजे जून 2020 में जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं हर 3 साल में एक बार ऐसा सर्वे कराया जाएगा। मंडल के मुताबिक इससे यह भी जानने में मदद मिलेगी कि महिलाएं कुकिंग और कपड़े धोने जैसे कामों को कितना वक्त देती हैं। इस सर्वे के नतीजे पॉलिसीमेकर्स को इकॉनमी में रोजगार की स्थिति जानने में मदद करेंगे।
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