नई दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने पर प्रशासन द्वारा नदी के किनारे वाले इलाके को खाली कराया गया। लोगों को आश्रय घरों में रखा गया है लेकिन आश्रय घरों की कम उपलब्धता के कारण, राष्ट्रीय राजधानी में पुराने यमुना ब्रिज के पास रहने वाले परिवारों को कथित तौर पर सड़कों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एएनआई को बताते हुए बेघर हुए लोगों का कहना है कि यमुना नदी में पानी का जलस्तर बढने से हमारे घर बह गये हैं, जिसके कारण हमें घर छोड़ना पड़ा लेकिन सरकार से किसी भी तरह का समर्थन नहीं है। अब हमें सड़कों पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।
एक और व्यक्ति ने आरोप लगाया कि अधिकांश आश्रय घर पूरी तरह से भरे हैं जिसके कारण उन्हें फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
पूर्व दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट के. महेश ने रविवार को यमुना नदी में बाढ़ के बाद पुराने यमुना ब्रिज पर यातायात को बंद करने का आदेश दिया था।
रविवार को पानी का स्तर 205.46 मीटर तक पहुंच गया, जो 204.83 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया।
हरियाणा से 6,50,000 क्यूसेक्स से ज्यादा पानी छोडे जाने पर यमुना का जलस्तर बढ़ा है।
(सौजन्य से ANI)
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