धीमा न्याय, फीकी आशा: भारत में न्यायिक सुधारों की आवश्यकता
दिव्य सेन सिंह विशेन
भारत का संविधान न्याय को राज्य के प्रमुख उद्देश्यों में स्थान देता है, और प्रत्येक नागरिक को शीघ्र, सस्ता तथा सुलभ न्याय दिलाने की बात करता है। किंतु आज भारत की न्यायिक प्रणाली जिस संकट से जूझ रही है, वह…