प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का किया उद्घाटन
“संग्रहालय से हमें एक ओर अतीत से प्रेरणा मिलती है, तो दूसरी ओर भविष्य के प्रति कर्तव्य का बोध भी होता है”:प्रधानमंत्री
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का उद्घाटन किया। उन्होंने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में आगामी राष्ट्रीय संग्रहालय के वर्चुअल वॉकथ्रू का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर टेक्नो मेला, संरक्षण प्रयोगशाला और प्रदर्शनियों को भी देखा। आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, 47वें अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का उत्सव मनाने के क्रम में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी थीम है – ‘संग्रहालय, स्थायित्व और कल्याण।‘
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी। इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि जब भारत स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है, तो अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के अवसर पर इतिहास के विभिन्न अध्याय, प्रौद्योगिकी के समावेश के साथ, जीवंत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम एक संग्रहालय में प्रवेश करते हैं तो हम अतीत से जुड़ते हैं। संग्रहालय तथ्य और साक्ष्य-आधारित वास्तविकता प्रस्तुत करते हैं। संग्रहालय से हमें एक ओर अतीत से प्रेरणा मिलती है, तो दूसरी ओर भविष्य के प्रति कर्तव्य का बोध भी होता है। उन्होंने कहा कि आज की थीम ‘स्थायित्व और कल्याण’ वर्त्तमान विश्व की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालती है और इस आयोजन को और भी प्रासंगिक बनाती है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आज के प्रयास, युवा पीढ़ी को अपनी विरासत से बेहतर तरीके से परिचित कराएंगे।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज का आयोजन, भारत में संग्रहालयों की दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध होगा। आजादी के अमृत काल के दौरान ‘पंच प्राण’ या देश द्वारा लिए गए पांच संकल्पों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘अपनी विरासत पर गर्व करने’ पर जोर दिया और रेखांकित किया कि देश में एक नयी सांस्कृतिक अवसंरचना विकसित की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों में, कोई भी भारत की आजादी की लड़ाई के इतिहास के साथ-साथ देश की हजार साल पुरानी विरासत के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक राज्य और समाज के प्रत्येक वर्ग की विरासत के साथ-साथ स्थानीय और ग्रामीण संग्रहालयों के संरक्षण के लिए विशेष अभियान चला रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान को अमर बनाने के लिए दस विशेष संग्रहालयों को विकसित किया जा रहा है, जो जनजातीय विविधता की व्यापक झलक प्रदान करने के लिए दुनिया की सबसे अनूठी पहलों में से एक होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई देश अपनी विरासत का संरक्षण करना शुरू करता है, तो वह अन्य देशों के साथ निकटता को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, “हमारी विरासत, विश्व एकता की अग्रदूत बन जाती है।”
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु सरस्वती सभ्यता की कांस्य नृत्यांगना से प्रेरित चन्नापटना शैली में बने 5 फीट लंबे खिलौने के भाव-भंगिमा युक्त समकालीन आदमकद संस्करण का अनावरण किया, जो अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का आधिकारिक शुभंकर है। शुभंकर की व्याख्या आधुनिक समय के “द्वारपाल” या “द्वार-अभिभावक” के रूप में की जाती है, जो दर्शकों को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 के अनुभव की ओर ले जाता है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस अवसर पर बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के दूसरे चरण के हिस्से के रूप में और 47वें अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के क्रम में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में और उनके “पंच प्राण” से प्रेरित होकर “हमारी विरासत पर गर्व” करने के संदर्भ में, संस्कृति मंत्रालय ने देश की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किये हैं।
मंत्री ने कहा कि एक्सपो देश में एक बहुत ही जीवंत संग्रहालय अभियान और इकोसिस्टम निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा और संस्कृति मंत्रालय नई वर्चुअल कंटेंट को वास्तविक दुनिया से जोड़ने वाली (इमर्सिव) और अनुभवात्मक तकनीकों को अपनाकर इसे सभी आगंतुकों के लिए एक यादगार अनुभव बना देगा।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार “विकास भी, विरासत भी” की थीम पर लगातार काम कर रही है, जिसके तहत विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने पर समान ध्यान दिया जाता है। सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक भारतीय मूल की 244 से अधिक पुरावशेषों को विदेशों से भारत वापस लाया गया है, जिनमें से 231 को 2014 के बाद वापस लाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के बाद से, देश में 145 से अधिक संग्रहालय विकसित किए गए हैं, जो संस्कृति मंत्रालय द्वारा विकसित कुल संग्रहालयों के एक तिहाई हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और लौवर अबू धाबी के निदेशक मैनुअल रबाटे उपस्थित थे।
लौवर अबू धाबी के निदेशक, मैनुअल रबाटे ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी को इस बात पर जोर देने के लिए उद्धृत किया कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम आज क्या करते हैं। उन्होंने समझाया कि जो अपने अतीत को नहीं जानते, वे अपने वर्तमान या भविष्य को सर्वश्रेष्ठ नहीं बना सकते। उन्होंने देश में कला और संस्कृति के प्रचार और संरक्षण में अटूट समर्थन के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि हम विभाजन को पाटने और सीमाओं को पार करने में कला और संस्कृति की शक्ति को देख सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के आयोजन की सराहना करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि यह आपस में जुड़ने और एक दूसरे से सीखने का एक प्लेटफार्म हो सकता है। इस भावना में, मैनुअल रबाटे ने संग्रहालयों के 8 अभिनव मॉडल साझा किए, जो प्रेरणा के रूप में कार्य कर सकते हैं।
पृष्ठभूमि
आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, 47वें अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (आईएमडी) मनाने के क्रम में, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष के लिए आईएमडी की थीम है – ‘संग्रहालय, स्थायित्व और कल्याण।‘ संग्रहालय पेशेवरों के साथ संग्रहालयों पर एक समग्र संवाद शुरू करने के लिए संग्रहालय एक्सपो को डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे भारत की सांस्कृतिक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में विकसित हो सकें।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में आगामी राष्ट्रीय संग्रहालय के वर्चुअल वॉकथ्रू का उद्घाटन किया। संग्रहालय भारत के अतीत से संबंधित उन ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तित्वों, विचारों और उपलब्धियों को रेखांकित करने और प्रदर्शित करने का एक व्यापक प्रयास है, जिन्होंने भारत के वर्तमान के निर्माण में योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के शुभंकर, ग्राफिक उपन्यास – “ए डे एट म्यूजियम”, भारतीय संग्रहालय निर्देशिका, कर्तव्य पथ पॉकेट मानचित्र और संग्रहालय कार्ड का भी अनावरण किया।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का शुभंकर चेन्नापटनम कला शैली में लकड़ी से बनी नृत्य करती बालिका का समकालीन संस्करण है। ग्राफिक उपन्यास राष्ट्रीय संग्रहालय में आने वाले बच्चों के एक समूह को चित्रित करता है, जहां वे संग्रहालय में उपलब्ध करियर के विभिन्न अवसरों के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं। भारतीय संग्रहालय निर्देशिका, भारतीय संग्रहालयों का एक व्यापक सर्वेक्षण है। कर्तव्य पथ का पॉकेट मानचित्र विभिन्न सांस्कृतिक स्थानों और संस्थानों पर प्रकाश डालता है और यह प्रतिष्ठित मार्गों के इतिहास की भी जानकारी देता है। संग्रहालय कार्ड, देश भर में प्रतिष्ठित संग्रहालयों के सचित्र अग्रभागों के साथ 75 कार्डों का एक समूह है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए संग्रहालयों को पेश करने का एक अभिनव तरीका है और प्रत्येक कार्ड में संग्रहालयों के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी मौजूद है।
दुनिया भर के सांस्कृतिक केंद्रों और संग्रहालयों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
Comments are closed.