मणिपुर हिंसा पर कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार को दिया सुझाव, कहा- मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाना ही एकमात्र रास्ता
समग्र समाचार सेवा
इम्फाल , 22 जुलाई। मणिपुर में हिंसा के बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वायरल वीडियो को लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर है. इस बीच राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सिब्बल ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को बर्खास्त करना और राष्ट्रपति शासन लागू करना है.
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता: बीरेन सिंह को हटाया जाए और अनुच्छेद 356 लागू किया जाए एवं हमारे देश की महिलाओं से माफी मांगी जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘निर्भया, उन्नाव, हाथरस, कठुआ और बिल्कीस (दोषियों को रिहा करने का फैसला) के बाद से कुछ नहीं बदला है. बेटी बचाओ प्रधानमंत्री जी! ’’ बता दें भारत के संविधान के अनुच्छेद -356 के तहत अगर कोई राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के तहत शासन करने में अक्षम होती है तो उक्त राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
मणिपुर में गत बुधवार को उस समय तनाव और बढ़ गया जब चार मई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे समुदाय के लोगों का एक समूह निवस्त्र कर घुमा रहा है. हालांकि मामले में अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं जिनमें से पहले पकड़े गए चार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि थोउबल जिले की एक अदालत ने चारों आरोपियों को 31 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा है.
मणिपुर के कुकी और नागा आदिवासी, मैतेई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च’ निकाला गया था जिसको लेकर जातीय हिंसा भड़क गई थी और अब तक इसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं कई अन्य घायल हैं. इस बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो वायरल हो गया जिससे के राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करने के तलवार लटक रही है.
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