समग्र समाचार सेवा
दिल्ली 2 मई 2025: भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर उम्र घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है। इस बार नाम है उभरते हुए युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी का, जिनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जहां एक ओर वे मैदान पर अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर उनकी “वास्तविक उम्र” को लेकर सनसनी फैल गई है। सवाल साफ है—क्या वैभव की उम्र वाकई 19 है? या फिर कागजों का खेल चल रहा है?
वैभव सूर्यवंशी ने हाल ही में अंडर-19 टूर्नामेंट में धमाकेदार प्रदर्शन किया, लेकिन उनकी फिटनेस, कद-काठी और चेहरे की बनावट को देखकर कई फैंस और जानकारों को शक हुआ। कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि वैभव की उम्र “19 नहीं, 23 या उससे ज्यादा” हो सकती है।
एक वायरल फोटो में वे कुछ साल पहले कॉलेज टीम की कप्तानी करते नजर आ रहे हैं—जिससे यह संदेह और भी गहरा हो गया।
ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #VaibhavSuryavanshi ट्रेंड कर रहा है। एक यूजर ने लिखा:
“अगर ये 19 का है, तो मैं नवजात शिशु हूं!”
वहीं एक और यूजर ने तंज कसते हुए कहा,
“BCCI की उम्र जांच प्रक्रिया से ज्यादा भरोसा तो आधार कार्ड पर होता है।”
इस पूरे हंगामे के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है—BCCI आखिर खिलाड़ियों की उम्र की जांच कैसे करता है? और क्या यह सिस्टम वाकई फुलप्रूफ है?
BCCI की उम्र जांच प्रक्रिया:
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डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन:
जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड जैसी ID देखी जाती हैं। -
TW3 टेस्ट (Bone Age Test):
इस तकनीक से हाथ की हड्डियों की बनावट देखकर उम्र का अनुमान लगाया जाता है। लेकिन यह टेस्ट 16 साल की उम्र तक ही ज्यादा सटीक होता है—उसके बाद इसकी वैधता संदिग्ध हो जाती है। -
फिजिकल इंस्पेक्शन और रिकॉर्ड क्रॉस-वेरिफिकेशन:
लेकिन ये प्रक्रियाएं अक्सर ‘जुगाड़’ और ‘सिफारिश’ के आगे हार मान जाती हैं।
क्रिकेट गलियारों में whispers चल रही हैं कि किसी खास राज्य क्रिकेट बोर्ड ने वैभव को “फेवर” किया है। अंदरखाने से खबरें आ रही हैं कि इस खिलाड़ी को बचाने के लिए उम्र संबंधी पुराने रिकॉर्डों को “एडिट” किया गया है।
इस पूरे विवाद पर अभी तक BCCI की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन अगर जल्द जांच शुरू नहीं हुई, तो यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा विवाद बन सकता है।
क्रिकेट एक भावना है, और उसमें धोखा बर्दाश्त नहीं होता।
वैभव सूर्यवंशी की उम्र पर उठे सवाल महज एक खिलाड़ी तक सीमित नहीं हैं—यह पूरा सिस्टम कटघरे में खड़ा है। क्या वाकई भारत की युवा क्रिकेट प्रणाली में उम्र की घपलेबाज़ी आम हो गई है? और अगर हां, तो क्या BCCI इसमें सुधार की हिम्मत दिखाएगी?
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