ऑपरेशन सिंदूर ने बदला युद्ध का दृष्टिकोण: ग्वालियर में CDS जनरल अनिल चौहान का प्रेरक भाषण

समग्र समाचार सेवा
ग्वालियर, 14 अक्टूबर: CDS जनरल अनिल चौहान का महत्वपूर्ण संबोधन: “युद्ध केवल सेना नहीं, पूरे राष्ट्र की जिम्मेदारी है”

ग्वालियर के ऐतिहासिक सिंधिया स्कूल के 128वें स्थापना दिवस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने देशभक्ति, सुरक्षा और नेतृत्व के गहन संदेश दिए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मई में पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत की सैन्य रणनीति में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते”, और यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान को अब यह समझ आ गया है कि भारत किसी भी परमाणु धमकी के आगे झुकने वाला नहीं है।

“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद उभरी नई स्थिति

जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में एक नया सामान्य माहौल पैदा हुआ है, जिसने यह साबित कर दिया कि भारत अपने शत्रुओं को जवाब देने में सक्षम है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने सोचा था कि वह अपनी परमाणु ताकत के दम पर कुछ भी कर सकता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने उसे गलत साबित कर दिया।”

खेल के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने अपने विरोधियों को न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि क्रिकेट के मैदान पर भी हराया है। यह भारत की रणनीतिक और मानसिक मजबूती को दर्शाता है।

“युद्ध केवल सेना नहीं लड़ती, पूरा देश उसका हिस्सा होता है”

CDS चौहान ने अपने भाषण में यह भी कहा कि किसी भी युद्ध में सिर्फ सशस्त्र बल ही नहीं, बल्कि राजनीतिक नेता, राजनयिक और नागरिक भी योगदान देते हैं।
उन्होंने कहा, “सेना का कर्तव्य है देश की रक्षा करना, लेकिन राष्ट्र निर्माण हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”

समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे, जिन्हें माधव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विकसित भारत @2047 का विज़न

जनरल चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अमृत काल युवाओं के लिए देश को मजबूत और सुरक्षित बनाने का समय है।
उन्होंने कहा, “हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा और भारतीय गौरव को फिर से स्थापित करना होगा।”

नई तकनीक और सतर्क सशस्त्र बल

CDS चौहान ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बल 24 घंटे, साल के 365 दिन देश की सुरक्षा में तत्पर रहते हैं। अब युद्ध के तरीके बदल गए हैं—ड्रोन, वायु रक्षा प्रणाली, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नई चुनौतियाँ लेकर आए हैं।
उन्होंने गर्व से कहा, “भारत ने दुनिया को शून्य और दशमलव की अवधारणा दी है। हमारी बुद्धिमत्ता और नवाचार ही हमारी असली ताकत हैं।”

CDS जनरल अनिल चौहान का यह भाषण केवल एक औपचारिक संबोधन नहीं था, बल्कि यह देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश था।
उनके शब्दों ने यह याद दिलाया कि भारत की सुरक्षा केवल सीमा पर नहीं, बल्कि हर नागरिक की चेतना में बसती है।

 

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