समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 3 अप्रैल।
चुनाव आयोग ने हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा प्रचार पर प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया है। चुनाव आयोग ने श्री सरमा के प्रतिनिधित्व को बिना शर्त माफी की पेशकश करते हुए कहा कि वह खुद 6 अप्रैल को होने वाले चुनाव में उम्मीदवार हैं।
जैसा कि यह प्रतिबंध कम हो गया है, वह अब विधानसभा चुनावों के तीसरे और अंतिम चरण से पहले अंतिम दिन, मंगलवार को प्रचार कर सकेंगे।
बीपीएफ प्रमुख हगराम मोहिलरी को धमकी देने के लिए शुक्रवार देर रात उन्हें प्रतिबंध जारी किया गया था।
श्री सरमा को एक पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि “आपके बिना शर्त माफी और आश्वासन / वचन” पर ध्यान दिया गया है और इसके पहले के आदेश को संशोधित करते हुए चुनाव अभियान से होने वाली समाप्ति की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे किया।
पत्र में कहा गया है, “आपने इस आधार पर भी निवेदन किया है कि आप स्वयं अप्रैल में होने वाले चुनाव के उस निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार हैं।
श्री सरमा ने चुनाव आयोग से अपने प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे करने को कहा था।
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया था कि हिमंत बिस्वा सरमा ने उनकी सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष हगरमा मोहिलरी को जेल भिजवाने की धमकी दी है। कांग्रेस ने सरमा पर पूरे चुनाव के दौरान कैंपेंनिंग पर रोक लगाने की मांग की थी।
हिमंत बिस्वा सरमा की टीम ने शनिवार को पहले कहा था कि वह दो अप्रैल को एजेंसी द्वारा जारी किए गए आदेश की समीक्षा करने के लिए चुनाव आयोग के पास जाएगी, जहां उसने “हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दिए गए बयानों की निंदा की थी” और किसी भी सार्वजनिक सभा को आयोजित करने पर रोक लगा दी थी। सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, रोड शो, साक्षात्कार और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में सार्वजनिक उक्तियों का प्रसारण 02 अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक चलने के संबंध में।
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