सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को लगाई फटकार, आपको विरोध का अधिकार है लेकिन सड़कों को ब्लॉक नहीं रखा जा सकता

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर। किसान आंदोलन और सड़क से किसानों को हटाने की मांग वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिलहाल टल गई है। किसानों द्वारा हाईवे जाम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। अदालत ने किसान यूनियनों से सड़कों से विरोध कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। अब इस मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।
जानकारी के मुताबिक किसानों ने गाजीपुर बार्डर नेशनल हाईवे 24 पर रास्ता खोल दिया है। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत सहित किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली जाने वाली सर्विस लेन को खोल दिया है, वहां से बैरिकेड हटा दिए गए हैं। किसानों ने सबसे पहले इसी रास्ते को रोका था। रास्ता खोलने का फैसला मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद लिया गया है।

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल ने आज कहा कि सड़कें क्लियर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते। आपको आंदोलन करने का अधिकार है, मगर सड़क अनिश्चितकाल के लिए ब्लॉक नहीं कर सकते। अब कुछ समाधान निकालना होगा। हमें सड़क जाम के मुद्दे से समस्या है।

दरअसल, याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों को खोला जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार से कहा था कि आखिर अब तक सड़कें बंद क्यों हैं। प्रदर्शन करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन सड़कें ब्लॉक नहीं होनी चाहिए।

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