समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 30अक्टूबर। पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के कारण एक बाद एक विवाद शुरू हुआ और आपसी कलह के कारण राज्य काफी दिनों से चर्चा में है। आपसी कलह के कारण ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया इतना ही नही उम्मीद तो यह की जा रही थी कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ में राज्य की पूरी जिम्मेदारी मिलने वाली है और आने वाले विधानसभा चुनावों में सिद्धू ही रणनीति तैयार करेंगे। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पूरा खेल उल्टा कर दिया है क्योंकि हाईकमान ने अब पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को अनदेखा कर पंजाब चुनाव की पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सौंप दी है। कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के बाद चन्नी ने कांग्रेस विधायकों से उनके हलकों की स्थिति का जायजा लेने के लिए वन-टू-वन बैठकें भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले दिनों हुईं घटनाओं के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू से खफा चल रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान ने चन्नी को गुरुवार को दिल्ली बुलाया था और उनसे चुनाव की रणनीति पर बात की थी। इस बैठक के बाद शुक्रवार को उन्हें फिर से दिल्ली तलब किया गया था। इस बैठक में पार्टी के प्रभारी हरीश चौधीर भी मौजूद थे। पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को बताया कि पंजाब अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नवजोत सिद्धू अब तक प्रदेश संगठन के गठन की चर्चा तो करते रहे हैं लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सिद्धू के इस रवैये से कांग्रेस के जिला, ब्लॉक और ग्रामीण स्तर के नेता और कार्यकर्ता काफी मायूस हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव सिर पर है लेकिन अभी भी उन्हें दिशा-निर्देश देने वाला कोई नहीं है। पंजाब में विधानसभा चुनावों को देखते हुए हाईकमान ने अब चन्नी को पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करने का काम सौंप दिया है।
जानकारों का मानना है कि दिल्ली में हुई बैठक के दौरान चन्नी और सिद्धू के मुद्दों पर कोई स्पष्ट हल होता नहीं दिख रहा है ऐसे में अभी यह कह पाना मुश्किल है कि सिद्धू कितने दिन शांत बैठेंगे। पंजाब के राजनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि सिद्धू, सीएम बनना चाहते हैं और इसके बिना वह शांत बैठेंगे शायद ही ऐसा हो। पिछले दिनों उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह कथित तौर पर अपशब्द कहते हुए कहा था- सरदार भगवंत सिंह के लड़के (सिद्धू) को सीएम बनाया होता तो फिर देखते की कामयाबी क्या होती है।
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